आरंग

अमोदी मे चल रहे जिला स्तरीय रामलीला का आज होगा समापन

आरंग। श्री रामजीकी अमृतमयी, प्रेरणादायी, अनुपम, कल्याणमयी, सर्व फलदाई श्री राम लीला का मंचन कार्यक्रम पावन -पुनीत मंदिरो की नगरी के नाम से प्रसिद्ध राजा मोरध्वज की नगरी आरंग क्षेत्र के सनातनी विचार से ओतप्रोत ग्राम अमोदी मे ज्येष्ठ श्रेष्ठ भक्तो तथा कार्यकर्ताओ द्वारा 7 दिवसीय राम लीला प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया था, जो 22 मई 2024 से 28 मई 2024 तक चला है, जिसमे मुख्य आयोजक जय जय श्री राम लीला मंडली अमोदी के द्वारा प्रथम रात्रि को रामजन्म से शुभारम्भ किया गया और क्रमशः सथरिडीह जिला रायपुर,डगनिया जिला बेमेतरा, देवसुंद्रा, बोरसी, करमदा, भोथीडीह जिला बलौदा बाजार,द्वारा भव्य मंचन किया गया इन मंडली द्वारा बढ़चढ़ कर भाग लिया गया तथा अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया इस कार्यक्रम मे प्रथम 15000 पुरस्कार वेदराम मनहरे किसान नेता बीजेपी, द्वितीय पुनीत राम साहू सरपंच एवं पंच ग्राम-पंचायत अमोदी 12000, तथा समिति द्वारा 8000 तृतीय पुरस्कार एवं अन्य सांत्वना रखा गया था तथा भोजन की व्यवस्था आयोजक परिवार द्वारा रखा गया । ग्रामीणों मे इस भव्य कार्यक्रम के प्रति अति उत्साह देखने को मिला ।

ग्रामीण जन बड़े उत्साह से कार्यक्रम मे सम्मिलित हुए तथा आस पास के राम प्रेमी भी सम्मिलित हुए। आज कार्यक्रम का आख़री दिन है जिसमे भोथीडीह द्वारा कुम्भकर्ण व रावण वध की लीला का मंचन होगा इसके पश्चात् पुरस्कार वितरण होगा ग्रामीणों की माने तो डगनिया जिला बेमेतरा का प्रदर्शन सबसे श्रेष्ठ था लेकिन इसके लिए आयोजक मंडली द्वारा निर्णायक चयन किया गया जिनका निर्णय ही सर्वमान्य होगा । सनातनीयों के लिए यह बड़े ही गर्व की बात है की आज के इस आधुनिक युग की चका चौध भरी जिंदगी मे तथा मौसम मे इतनी गर्मी होते अपनी पूर्ण निष्ठा से सहभागिता निभाना और ग्रामवासी मे रामलीला के प्रति इतना उत्साह होना एक अपने आप मे आस्था की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है । यह एक नेक पहल भी है इसमें हमें देखने और सीखने को मिलता है कि श्री राम जी का समस्त जीवन अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है एक जीवन जीने की कला है जो आम जीवन मे अपना खासा प्रभाव रखता है। इस राम गाथा मे हम जीवन की हर परिस्थिति को देख और समझ सकते है हर समस्या का समाधान पा सकते है तथा अपने विचार और वाणी मे सुधार और निखार लाकर जीवन को संनमार्ग की ओर प्रसस्त कर सकते है।

आज हमारे इस व्यस्त तथा पश्चिमी सभ्यता की छाप मे जीवन यापन कर रहे पीढ़ी के लिए एक श्रेष्ठ जीवन जीने की कला और जीवन को श्रेष्ठ बनाने का मार्ग कोई है तो वो हमारे सनातन धर्म की पूंजी के रूप मे रामायण, भागवत, शिव महापुराण, गीता आदि पर आधारित ये नाटकीय मंचन, गायन, पठन है जो हमारे जीवन की हर पहलू को स्वयं मे संजोया हुवा है आज के नौजवान युवक युवती को जीवन का मूल्य आदर्शो को समझना और सीखना है तो हमें और हमारी पीढ़ी को इसे हृदय से आत्मसात करने की जरूरत है वर्तमान मे जितने भी आर्थिक राजनैतिक,समाजिक,नैतिक मूल्यों का हास हुवा है और जो समस्या उतपन्न हुई है उसका एक मुख्य कारण पश्चिमी सभ्यता को आधुनिकीकरण का नाम देकर अपनाना और अपने सनातन धर्म से दूर होना है दैनिक दिनचर्या मे अनियमितता है।

अमोदी के उन समस्त कार्यकर्ताओ और ग्रामीण जिसने इस कार्यक्रम मे अपना प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सनातन धर्म के यज्ञ मे सहभागिता निभाई उन सभी का आभार प्रकट किया गया, यह जानकारी हमें सन राइज इंग्लिश मीडियम स्कूल के शिक्षक दीपक साहू द्वारा दी गयी, इनके द्वारा भी सदैव हमारी सभ्यता और सांस्कृति के प्रति उत्तरदायित्व का निर्वहन शिक्षा क्षेत्र मे देखने को मिलता रहता है विभिन्न आयोजन मे अपनी सकारात्मक सहभागिता अदा करते रहते है।

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