छत्तीसगढ़

कौन बनेगा राजनांदगांव का राजा ? हाॅट सीट बने राजनांदगांव पर सबकी निगाह टिकी, पूर्व CM बघेल की प्रतिष्ठा दांव पर

रायपुर : शनिवार को सातवें और अंतिम चरण के मतदान के साथ ही लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया। देर शाम आये एग्जिट पोल में एक बार फिर NDA को मिल रहे बंपर बढ़त से बीजेपी में काफी उत्साह है। बात करे छत्तीसगढ़ की, तो एग्जिट पोल यहां भी BJP की बढ़त बताते हुए 11 में से 10 सीटों पर जीत का आकड़ा बता रही है। लेकिन एग्जिट पोल में कांग्रेस को मिल रही एक सीट को लेकर चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गर्म है। प्रदेश की सबसे हाॅट सीट बनी राजनांदगांव लोकसभा सीट से पूर्व CM भूपेश बघेल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि क्या बीजेपी लगातार चौथी बार जीत का चौका लगायेगी ? या फिर बीजेपी के विजय रथ को भूपेश बघेल रोकने में कामयाब होंगे ? आखिर कौन बनेगा राजनांदगांव का राजा ? इस बात पर चर्चा और बहस का दौर ना केवल राजनांदगांव बल्कि प्रदेश के अधिकांश जगहों पर एक बार फिर शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही अलग-अलग मीडिया संस्थान ने सर्वे के आधार पर एग्जिट पोल जारी कर दिये है। लगभग सभी एग्जिट पोल में एक बार फिर NDA को बंपर बढ़त मिलती दिख रही है।

वहीं INDIA गठबंधन को लेकर जो EXIT POLL के सर्वे रिपोर्ट आये है, वो निराश करने वाले है। लिहाजा एग्जिट पोल के बाद एक बार फिर राजनीतिक दलों में मंथन का दौर शुरू है। बात करे छत्तीसगढ़ की तो यहां सत्ता में कमबैंक करने के बाद बीजेपी और सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस दोनों के लिए अधिक से अधिक सीट जीतना प्रतिष्ठा का विषय है। सूबे की विष्णुदेव सरकार जहां इस बार प्रदेश की सभी 11 सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस पिछली बार से ज्यादा सीटे जीतने का दंभ भरती नजर आ रही है।

बात करे छत्तीसगढ़ की हाॅट सीट बनी राजनांदगांव लोकसभा सीट की, तो इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर लगी हुई है। इस सीट की राजनीतिक समीकरण को समझे तो साल 2009 से इस सीट पर लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है। राजनांदगांव को पूर्व मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह का गढ़ भी माना जाता है। लिहाजा साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के संतोष पांडे ने कांग्रेस के भोला राम साहू को 1 लाख 11 हजार 966 वोटों से हराया था। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अभिषेक सिंह ने कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 2 लाख 35 हजार 911 वोटों से पटखनी देकर रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की थी।

बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले राजनांदगांव सीट पर मौजूदा सांसद संतोष पांडेय की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। यहीं वजह है कि बीजेपी ने पूरे प्रदेश में सिर्फ मौजूदा सांसद संतोष पांडेय और दुर्ग से विजय बघेल को रिपीट करने का बड़ा फैसला लिया गया। संतोष पांडेय को दोबारा कैंडिडेट बनाकर इस बार बीजेपी की नजर जहां राजनांदगांव सीट से जीत का चौका लगाने पर है। वहीं कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े चेहरे पूर्व CM भूपेश बघेल को इस सीट से चुनावी रण में उतारा। ऐसे में कांग्रेस जहां बघेल की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है।

वहीं बीजेपी के नेता पूर्व सीएम बघेल को रिकार्ड मतों से चुनाव हराने का दावा कर रहे है। यहीं वजह है कि इस सीट पर पूरे प्रदेश के साथ ही बीजेपी-कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की भी नजरे टिकी हुई है। खैर 4 जून को मतगणना के साथ ही सारे कयासों पर जहां विराम लग जायेंगे, वहीं राजनेताओं और एग्जिट पोल के दावों की हकीकत भी सामने आ जायेगी। फिलहाल मतगणना के दिन जैसे-जैसे करीब आते जायेंगे, ठीक वैसे-वैसे चौक चौराहों पर चर्चाओं का बाजार गर्म होने के साथ ही राजनेताओं की धुकधुकी तेज होती रहेगी।

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