2 मंत्री और 3 MLA ने चुनाव में की कांग्रेस उम्मीदवार की मदद?, वायरल लेटर में खुलासा क्यों हारीं सरोज पांडेय..
रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक वायरल लेटर ने बीजेपी और कांग्रेस की सियासत तेज कर दी है। कांग्रेस की हार के लिए बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक के आखिरी दिन एक कांग्रेस नेता का लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। इस वायरल लेटर में कांग्रेस की हार का जिम्मेदार भूपेश बघेल को बताया गया है। उसके साथ ही बीजेपी के बारे में भी बड़ा खुलासा किया गया है। इस लेटर में लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ में ज्योत्सना महंत की जीत में कांग्रेस, भूपेश बघेल और चरणदास मंहत का कोई रोल नहीं है। उनकी जीत में बीजेपी के नेताओं का योगदान है। हालांकि नेताओं के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे इस लेटर में कहा गया है- “ज्योत्सना महंत जीतीं तो उसमें चरणदास महंत या कांग्रेस का कोई रोल नहीं है। सरोज पांडेय को भाजपा के बड़े नेताओं ने ही हराया है। उसमें दो मंत्री और तीन विधायक का रोल है। अमित जोगी और तुलेश्वर मरकाम का भी पैसा लेकर सहयोग है।
कोरबा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं सरोज पांडेय
बीजेपी ने इस बार कोरबा लोकसभा सीट से सरोज पांडेय को उम्मीदवार बनाया था। उनके सामने कांग्रेस की ज्योत्सना महंत चुनाव मैदान में थीं। इस चुनाव में सरोज पांडेय हार गई थीं। सरोज पांडेय के समर्थन में अमित शाह और सीएम विष्णुदेव साय समेत बीजेपी के कई दिग्गजों ने चुनाव प्रचार किया था। इस सीट को चरणदास मंहत की प्रभाववाली सीट भी माना जाता है। चरणदास महंत अभी नेता प्रतिपक्ष हैं और ज्योत्सना मंहत उनकी पत्नी हैं।
बीजेपी के साथ भूपेश बघेल ने की थी डील
सोशल मीडिया में वायरल लेटर में इस बात का खुलासा किया गया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हार का कारण बच्चा-बच्चा जानता है। घोटालों और जेल जाने के डर से भूपेश बघेल ने बीजेपी के साथ चुनाव हारने की डील की थी। भूपेश बघेल की एकला चलो नीति के कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। बता दें कि राज्य की 11 में से 10 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। इसके कमेटी के मेंबर सभी 11 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों से मिलकर चर्चा की है। उम्मीदवारों ने हार के कई कारण बताए हैं। अब यह रिपोर्ट पार्टी हाई कमान को सौंपी गई है।