सदन में भूपेश बघेल ने उठाया प्रधानमंत्री आवास का मुद्दा, तो नगरीय प्रशासन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा – 8 माह में कोई पीएम आवास स्वीकृत नहीं हुई
छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रधानमंत्री आवास की गूंज सुनाई दी। विपक्ष ने वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में बनने वाले पीएम आवास की जानकारी सदन में मांगी। इसके साथ ही शहरी गरीबों को पट्टा वितरण पर भी विभागीय मंत्री सवालों से घिरे रहे। नगरीय प्रशासन मंत्री ने बताया कि इस समय प्रदेश में 19 हजार 906 पीएम आवास का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
प्रश्नकाल में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह मामला उठाते हुए सरकार से पूछा कि सरकार के विज्ञापन में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास का जिक्र किया गया है उसमे क्या शहरी क्षेत्र के मकान भी शामिल हैं। पिछले 8 माह में कितने पीएम आवास स्वीकृत हुए हैं, शहर में कितने कच्चे मकान हैं क्या उनके डीपीआर केंद्र सरकार को भेजे गए है। ऐसे मकान मालिकों को सरकार क्या पट्टा देगी। इसके साथ ही विपक्ष के सदस्य ने यह भी जानना चाहा कि वर्तमान में पीएम आवास की लागत बढ़ गई है क्या सरकार इसकी राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है।
जवाब में नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने बताया कि विज्ञापन में बताए गए 18 लाख पीएम आवास में शहरी क्षेत्र भी शामिल हैं। केंद्र सरकार को 19 हजार 906आवास का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति अभी नही मिली है। पिछले 8 माह में कोई पीएम आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं। पीएम आवास के मापदंड का पालन करने वाले हितग्राहियों को पट्टा देने पर सरकार विचार करेगी, जरूरत पड़ने पर पीएम आवास की लागत बढ़ाने की जानकारी विभागीय मंत्री ने सदन में दी।