कांकेर

स्वतंत्रता सेनानियों ने तो देश की आजादी का सपना देखा था अपनी बर्बादी का नहीं – केदार कश्यप

कांकेर/रायपुर : मुस्लिम लीग और कुछ राजनेताओं की व्यक्तिगत स्वार्थ की वजह से ही देश का बंटवारा हुआ। इस दौरान देश के आम नागरिक और पीड़ित इस प्रक्रिया से अवगत नहीं थे। देश का नागरिक तो चाहता था कि केवल निःशर्त आजादी मिले। सत्ता की भूख ही देश के विभाजन का कारण बनी। कांकेर भाजपा मुख्यालय में आयोजित विभाजन विभीषिका कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने यह बात कही। आगे उन्होंने कहा कि, देश का विभाजन होना हमारी उससे बड़ी चूक थी।

देश का विभाजन भारतीय इतिहास का सबसे अधिक दुर्बल पक्ष है। आज के दिन हमको यह विश्लेषण करना चाहिए कि आखिर किन परिस्थितियों में किन के कारण देश का विभाजन हुआ। विश्व के इतिहास में जब भी मानवीय त्रासदियों की गणना होती है तो 1947 के भारत विभाजन का भी जिक्र होता है। देश के इस विभाजन से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महान शहीदों का पावन बलिदान आहूत हुआ, शहीदों की पवित्र भावनाओं के साथ राजनीति का गंदा मजाक देश का बंटवारा था।

केदार कश्यप ने कहा कि, जनसंख्या और धर्म के आधार पर किसी देश का बंटवारा करना केवल उसकी भौगोलिक विभाजन ही नहीं है बल्कि उसकी सांस्कृतिक हत्या है, यह ऐसा जघन्य अपराध है जो कि अक्षम्य है। विभाजन के समय हिन्दू परिवार के साथ अत्याचार हुआ। इस कठिन परिस्थिति में अपने परिवार को लूट बलात्कार से बचना हो कैसा कठिन समय रहा होगा। स्वतंत्रता सेनानियों ने तो देश की आजादी का सपना देखा था अपनी बर्बादी का नहीं। सामप्रदायिक शक्तियों को हथियार बनाकर देश का विभाजन कराया गया यह पूरी सोची समझी साजिश थी, आज देश के लिए आवश्यक है की ऐसी सोच को हम गर्भ में ही नष्ट करने का संकल्प ले, अपने देश की एकता अखंडता को सुरक्षित रखने का संकल्प ले।

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