रवि कुमार तिवारी,
भैंसा/ खरोरा : आज दिनांक, 24/08/2024, दिन, शनिवार को श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म दिन था जिसे हमारे सनातन में हलषष्ठी व्रत के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है इसमें महिलाएं अपने पुत्र की कामना व उसके स्वस्थ समृद्ध जीवन और दीर्घायु हेतु व्रत का पालन पूजन करती है इस व्रत में मुख्य रूप से भैस के दूध-दही का प्रयोग किया जाता है साथ ही बिना हल जूते हुए अन्न का भोग लगाया जाता है जो इसे अन्य त्यौहारो से अलग बनाता है व्रत में एक सबूरी ( गड्ढा )का निर्माण किया जाता है, जिसमें भगवान भोलेनाथ के साथ माँ पार्वती गणेश कार्तिक विद्यमान होते हैं साथ ही नंदी का भी निर्माण किया जाता है और सबूरी में जल डालकर अपनी मनोकामना की जाती है, मान्यता है कि अगले वर्ष इसी दिन तक भोलेनाथ की कृपा से मनोकामना पूर्ण हो जाती है और गृहस्थी को पुत्र सुख वैभव की प्राप्ति होती है विगत सैकड़ो वर्षों से ग्राम करमा में यह पर्व निरंतर मनाया जा रहा है जिसमे आचार्य पंडित रामखिलावन तिवारी के निवास में ही सबूरी का निर्माण किया जाता है जहाँ गाँव भर के महिलाये पूजा हेतु इकट्ठा होती है आचार्य द्वारा हलषष्ठी की व्रत कथा का वाचन किया जाता है जिसे सुनने के बाद आरती का आयोजन होता है तब प्रसाद वितरण के साथ महिलाएं अपने घर को प्रस्थान करती है.
आज यह क्रिया बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ करमा गांव में मनाया गया जिसमें सैकड़ो की संख्या ने ग्रामीण महिलाएं उपस्थित हुई हलसष्टि के विषय मे पूछने पर सुनीता तिवारी ने बताया की यह पर्व बच्चों को समर्पित है इसमें बच्चों के दीर्घायु की कामना से व्रत पूजन करते है जिससे बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित रहे आज पुरे प्रदेश मे जगह जगह इस पूजा का आयोजन रखा गया जिसमे ग्रामीण एवं शहरी महिलाओ द्वारा आयोजन को पूर्ण निष्ठा और उत्साह से पूर्ण किया गया.
अंत में हमारी टीम की ओर से सभी सनातनियों को हलषष्ठी एवं श्री बलराम जी की जन्मोत्सव की अनंत व अशेष शुभकामनायें भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूर्ण करे.