खरोराछत्तीसगढ़तिल्दा

स्वामीआत्मानंद विद्यापीठ तारासिंव में शाला परिवार ने मनाया, शिक्षक दिवस….

रवि कुमार तिवारी,

तिल्दा/खरोरा : जनपद पंचायत तिल्दा के समीपस्थ ग्राम पंचायत तारासिंव में आज शिक्षक दिवस के अवसर पर स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ तारासिंव के तत्वाधान स्कूल परिसर में शाला परिवार के द्वारा शिक्षक दिवस का आयोजन रखा गया जिसमें मुख्य अतिथि ग्राम के ऊर्जावान सरपंच मनीष वर्मा उपस्थित रहे और साथ में उनके पिताजी भगवती प्रसाद वर्मा की गरिमामय उपस्थिति रही मनीष वर्मा के लिए ये क्षण अविस्मरणीय और सम्मानित तथा गौरवन्वित था क्योंकि इनके पिताजी भी एक सेवानिवृत शिक्षक रह चुके है और शिक्षको को समर्पित इस दिवस मे उन्होंने अपने पिता के साथ आयोजन में सम्मिलित हुए इस शिक्षक सम्मान समारोह में मूलचंद वर्मा शाला समिति अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष की उपस्थिति रही साथ ही प्रधान पाठक केंवरा वर्मा शिक्षक टी पी शर्मा पूर्व प्रधान पाठक भगवती प्रसाद वर्मा सेवानिवृत प्रधान पाठक, विद्या वर्मा, दीप्ती साहू,  भारद्वावाज वर्मा एवं अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा पूरा शाला परिवार उपस्थित थे और सभी शिक्षको का सम्मान सरपंच द्वारा श्री फल एवं कलम/स्मृति डायरी /शाल आदि से किया गया साथ ही सरपंच द्वारा अपने वक्तव्य में हमें शिक्षा और शिक्षक की जीवन में महत्ता को बच्चों के समक्ष अपने शब्दों में प्रेषित किया और इस सम्मान की भावना को आत्मसात कर जीवन में आगे बढ़ने के मूलमंत्र के रूप में प्रतिपादित किया गया, आपको ज्ञात हो की आज पुरे देश में डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन जी के अवतरण दिवस को शिक्षक दिवस के रूप मे मनाया जाता है.

हमारे देश में प्राचीन समय से ही गुरु शिष्य परम्परा को आत्मसात करने की रीति रही है और यही रीति हमें विश्व में एक विशेष स्थान प्रदान करता है जिससे हम विश्व गुरु कहलाते है इस परम्परा से हम शिक्षक को एक पालक, संचालक, और मित्र की प्रकाष्ठा में देखते है जो जीवन की अनेक पहलू में हमारा पथ प्रदर्शन करती है और जीवन को सफल बनाती है हमारे जीवन में गुरु से मिली शिक्षा अपनी महती योगदान को प्रदर्शित करती है, हमारे शास्त्रों में तो गुरु को भगवान् से भी बढ़कर बताया गया है क्योंकि इन्ही के मार्गदर्शन से हमें भगवान् का ज्ञान होता है एक शिक्षा ही है जिसका ना कभी अंत होता है ना ही बँटवारा किया जा सकता है और ना ही चोरी होती है यह वह धन है जिसे हम जितना दुसरो मे बांटते है यह निरंतर बढ़ती रहती है और यही एक उत्कृष्ट शिक्षा की पहचान है ||

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