दुर्ग। पुलिस ने नशे के ऑनलाइन कारोबार से जुड़े पांच लोगों को हिरासत में लिया है, यह सभी कोरियर के माध्यम से ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग कर नशीली दवाइयां को बेचा करते थे, तो वहीं आरोपियों के खातों को भी दुर्ग पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है।
दरअसल दुर्ग पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी, कि नशे के सौदागर अब ऑनलाइन माध्यम से नशीली दवाइयां बेच रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने पताशाजी और तलाश शुरू की, तो दुर्ग के ही रहने वाले हार्दिक भोई और दिलीप साहू का नाम सामने आया। जिनके पास से पूछताछ करने पर नशीली दवाइयां का जखीरा बरामद हुआ। जिसके बाद मुख्य आरोपी हार्दिक भोई से जब पूछताछ की गई। तो उसने बताया की नशीली दवाइयां को आरोपी अपने मोबाइल नंबर से ऑनलाइन पेमेंट कर मांगता था, जिसका ट्रांजैक्शन का बाल्टी बैंक डिटेल भी दिया गया। कोरबा के रहने वाले भुवनेश्वर परेड के नाम से यह बैंक डिटेल था। जिसके बाद हार्दिक भोई के मोबाइल से नंबर का डिटेल और कद्र की जानकारी लेकर पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट नंबर पर ऑनलाइन पेमेंट करता है। जिसके बाद पटना के रहने वाले रविशंकर प्रसाद के अकाउंट नंबर पर वह पैसे भेज देता है। जिसके माध्यम से उसे अमेजॉन कोरियर के माध्यम से नशीली दवाई प्राप्त होती है। ऐसी शिव की टीम और थाना पादनापुर की टीम तत्काल बिहार के लिए रवाना हुई। जहां आरोपी रविशंकर प्रसाद को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह बिहार का निवासी है और किशन यादव से करियर के माध्यम से उसे यह दवाइयां प्राप्त होती है और लाखों रुपए की नशीली दवाइयां हार्दिक भाई और भुवनेश्वर परेड सहित दीपक साहू जैसे लोगों को सप्लाई की जाती है। जिसके बाद पुलिस ने ऑनलाइन पेमेंट करने वाले सभी अकाउंट को फीस कर दिया है, तो वहीं अब इस गैंग के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है।