ऑनलाइन गेम खेलते हुआ प्यार… नाबालिग को मुंंबई बुलाकर रेप किया, फिर दमन एवं दीव में छिपाया
अनूपपुर। अनूपपुर में 17 सितंबर को रात में अचानक 16 साल की नाबालिग घर से बिना बताए कहीं चली गई। स्वजन उसकी तलाश करते रहे। मगर, जब वह नहीं मिली, तो पुलिस से शिकायत की।
कोतवाली पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने शहरभर के सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल निकाली, तो लड़की के बारे में सुराग मिलने लगे। नाबालिग की लोकेशन से उसके ठिकाने का पता चला।
नाबालिग को दमन एवं दीव केंद्र शासित प्रदेश के सिलवासा में छिपाकर रखा गया था। वहां से पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है।
शादी का झांसा देकर कल्याण स्टेशन बुलाया
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि नाबालिग मोबाइल पर ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेलती थी। इस दौरान उसकी महाराष्ट्र के गोरेगांव मुंंबई के रहने वाले नैनेश्वर हीरे से बात हुई थी। इंंस्टाग्राम पर दोस्ती हो गई।
उसने नाबालिग को शादी करने का बहकावा देकर ट्रेन से कल्याण स्टेशन बुलवा लिया। गोरेगांव मुंंबई में अपने घर में रुकवाकर शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म किया। नाबालिग को अपने घर में ठहराने में आरोपित नैनेश्वर हीरे के पिता महेंद्र हीरे ने भी सहयोग किया।
दमन एवं दीव के सिलवासा में परिचित के घर पर रुकवाया
पकड़े जाने के डर से नैनेश्वर हीरे ने उक्त नाबालिग को गोरेगांव मुंबई, महाराष्ट्र से दमन एवं दीव केंद्र शासित प्रदेश में सिलवासा में अपने परिचित राजू पवार के घर पर रुकवा दिया था। पुलिस द्वारा प्रकरण में उक्त तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर थाना कोतवाली अनूपपुर लाई और तीनों को न्यायालय में पेश किया।
एसपी ने की टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा
पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान ने तत्काल नाबालिग बालिका की पतासाजी कराई। इसके बाद दमन एवं दीव केंद्र शासित प्रदेश से सकुशल खोजने के लिए टीआई कोतवाली अरविंद जैन,उपनिरीक्षक सरिता लकड़ा, सहायक उपनिरीक्षक आर एन तिवारी,आरक्षक मोहन जामरा एवं महिला आरक्षक कविता विकल भेजा।
पुलिस की टीम ने लड़की को बरामद कर लिया। एसपी ने इस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। गिरफ्तार आरोपितों में नैनेश्वर हीरे पिता महेन्द्र हीरे 21 साल निवासी रोहिदास नगर, गोरेगांव मुम्बई महाराष्ट्र, महेन्द्र हीरे पिता देवीदास हीरे 52 साल और राजू पिता गोकुल पवार 40 साल निवासी सिलवासा दमन एवं दीव केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
माता-पिता रखें बच्चों पर नजर
पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में आम नागरिकों से कहा कि माता-पिता और पालकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। वे नाबालिग लड़के और लड़कियों को इंटरनेट मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और विभिन्न ऑनलाइन इंटरनेट आधारित गेम के उपयोग के दौरान जरूर निगरानी रखें, ताकि इस प्रकार के अपराधों का शिकार होने से उन्हें बचाया जा सके।