रायपुर। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, सट्टेबाजी एप के जरिए 6000 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर दुबई में गिरफ्तार हो गया है. बताया जाता है कि यह कार्रवाई इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हुई, जिसे ED के अनुरोध पर जारी किया गया था. इस मामले में ED, विदेश मंत्रालय, और गृह मंत्रालय ने मिलकर एक बड़ी कार्रवाई की है.
आपको बता दें आरोपी सौरभ चंद्राकर पहले छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक साधारण जूस की दुकान चलाता था, वह अब महादेव एप के जरिये सट्टेबाजी का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर चुका था. उसकी गिरफ्तारी ने इस बड़े घोटाले का जल्द ही पर्दाफाश हो जाएगा. वहीं सूत्रों के अनुसार जल्दी ही आरोपी को भारत लाया जाएगा.
गौरतलब हो कि सीएम विष्णुदेव साय ने इस घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का फैसला किया था. यह निर्णय 22 अगस्त को लिया गया था और अब इस घोटाले के किंगपिन सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी हुई है.
दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने रखा था इनाम
सरगना सौरभ की जानकारी देने वाले को दुर्ग आईजी रामगोपाल गर्ग की ओर से तीन मामले में 75 हजार रुपये का इनाम रखा गया था. दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहना है कि सौरभ चंद्राकर की जानकारी बताने वाले शख्स का नाम गोपनीय रखा जाएगा. महादेव ऑनलाइन सट्टे एप मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की गई है. वही महादेव सट्टा एप के फरार आरोपित सौरभ चंद्राकर के खिलाफ भिलाई के जामुल थाना में जुआ एक्ट का अलग-अलग मामला दर्ज है. सौरभ के खिलाफ 12 अप्रैल 2022, चार व 23 जून 2023 को अपराध दर्ज किया गया था. आरोपित सौरभ भिलाई के छावनी थाना अंतर्गत मदर टेरेसा नगर मयूर पार्क के पास का रहने वाला है और लंबे समय से फरार चल रहा है.
एक आरक्षक को बर्खास्त, भीम सिंह यादव को पहले ही सस्पेंड
फरार आरोपियों के संबंध में जानकारी रखने वाला व्यक्ति दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ल, एएसपी अभिषेक झा,सीएसपी छावनी व थाना प्रभारी जामुल को संपर्क कर जानकारी दे सकते हैं. वही दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने इस फर्जीवाड़े में शामिल एक आरक्षक को बर्खास्त कर दिया है. आरोप आरक्षक अर्जुन यादव पुलिस लाइन में पदस्थ था. वह 118 दिन से बिना अनुमति छुट्टी पर था. इतना ही नहीं आरक्षक के खिलाफ विभागीय जांच भी के भी आदेश दिए गए हैं. बता दें कि बर्खास्त आरक्षक अर्जुन यादव मामले में मुख्य आरोपी रहे भीम सिंह यादव के भाई है. दुर्ग में पदस्थ भीम सिंह यादव को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है.