कांकेर। जिले के पखांजूर बांदे, जैसे अंदरुनी इलाको में शराब दुकान के संचालकों द्वारा आबकारी नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है । शासन ने शराब की मात्रा निर्धारित की हुई है प्रति व्यक्ति को कितनी शराब की बोतल देनी है, साथ ही आबकारी नियम में सालों पहले शराब की खरीदी पर बिल देने का प्रावधान भी लागू किया गया था । बावजूद शराब दुकानदार शराब लेने वालों को बिल नहीं देते जिससे की मंदिरा प्रेमियों को शराब की कीमत का पता भी नहीं चलता, जिससे शराब दुकानदार महंगे दामों में शराब की बिक्री करते हैं और आमजन के साथ खिलवाड़ करते है।
गांव-गांव में भी बिक रही अवैध शराब
सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली है की पखांजूर शराब दुकान से बड़गांव , हामतवाही,पचांगी और बांदे शराब दुकान से बेठिया, इरपानार, महाराष्ट्र बॉर्डर में लगे कई छोटे छोटे गांव में कोचियों को प्रति बोतल पर 5 से 10 रूपये बढ़ा कर शराब दी जाती है जिससे कोचिए गांव में ज्यादा पैसे में शराब की बिक्री करते हैं शराब दुकान के संचालक को भी इससे मोटी कमाई होती है । इसकी जानकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी है परंतु अधिकारी भी इस पर कोई करवाही नहीं करते है, यदि शराब दुकान के अलावा कोई अन्य दुकानदार सामान का बिल न दे और उसकी शिकायत हो तो तत्काल उस दुकानदार पर शासकीय करवाही होती परन्तु शासकीय शराब दुकान पर ही नियम का पालन न करने पर कोई करवाही नहीं।
शराब की दुकानों पर बिल देने की व्यवस्था लागू करने के पीछे की वजहें
- शराब की दुकानों पर मनमानी कीमतों पर शराब बेची जाती है.
- शराब की क्वालिटी में भी फेरबदल की जाती है.
- दुकानदार शराब बेचने के बाद बिल नहीं देते.
- बिल देने पर आबकारी विभाग को पता चल जाता है कि शराब की दुकान में कितनी शराब की खपत होती है.
- बिल देने पर दुकानदार महंगे दामों पर शराब नहीं बेच पाते.