रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के लोग अपनी जीवन-पद्धति, खान-पान, लोक-नृत्य, लोक-संगीत, लोकवाद्यों, कलाओं, रीति-रिवाजों, तीज-त्यौहारों, अस्थाओं और अन्य आदिम परंपराओं से काफी प्रभावित हुईं। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेशभूषा में सजे आदिवासियों के साथ सामूहिक छायाचित्र लिया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक खुशवंत साहेब एवं रोहित साहू उपस्थित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के लोग अपने बीच पाकर अभिभूत हो गईं। छत्तीसगढ़ के गौरवशाली “पुरखौती मुक्तांगन“ में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को बढ़ाने और उन्हें सम्मान देते हुए छत्तीसगढ़ के सरगुजा, बस्तर और दंतेवाडा जिले के नर्तक दलों के साथ छायाचित्र कराया गया। सरगुजा, बस्तर और दंतेवाडा जिले के नर्तक दलों में शामिल महिलाओं और पुरुषों ने पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर तैयार थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा, प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, आयुक्त आदिवासी विकास नरेंद्र दुग्गा, और संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।