रायपुर। ‘मैं प्रदीप उपाध्याय, इस ब्राह्मण को यहां से भगाना है, कहकर मेरे अधिकारियों ने मुझे लगातार प्रताड़ित किया, बार-बार मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाया गया, मेरी छवि ख़राब हुई, मैं आहत हूं, अब मैं आत्महत्या कर रहा हूं…’
आप जब राज्य की राजधानी रायपुर में अभी दीपावली के उत्सव में चकाचौंध में रमे हुए हैं, तो एक व्यक्ति ने बकायदा सुसाइड लेटर लिखकर अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जिंदगी ख़त्म कर दी है। प्रदीप उपाध्याय के घर में दीपावली अब इस वर्ष न लाइटें जलेंगी, न उनके परिवार में कहीं उत्सव का शोर होगा, क्योंकि मृतक प्रदीप उपाध्याय ने जो दर्द अपने सुसाइड लेटर में व्यक्त किया है, उससे तो हर कोई दर्द से खुदको ग्रस्त ही पाएगा।
दरअसल, आत्महत्या करने वाले प्रदीप उपाध्याय रायपुर के तहसील काम करते थे। उन्होंने अपने दो पन्ने के सुसाइड लेटर में अपनी पूरी व्यथा और डिप्टी कलेक्टर लेवल के उनके उच्च अधिकारियों के द्वारा प्रताड़ना किए जाने का सिलसिलेवार तरीके से उल्लेख किया है।
अपने सुसाइड नोट में मृतक प्रदीप उपाध्याय ने लिखा है, मैं पूरी ईमानदारी और पूरी निष्ठा से कार्य कर रहा था, पर बार – बार मुझे निशाना बनाकर मुझसे द्वेष पालकर प्रताड़ित किया जाता था। मेरी फर्जी शिकायतें कराकर मेरी छवि को बार-बार ख़राब किया जाता रहा। मुझे डायवर्सन शाखा के साथ राजस्व शाखा का अतिरिक्त काम सौंपा गया, तब भी मेरे अधिकारियों (बाकायदा इनका नाम लिखा गया है) ने किसी नेता से मेरी फर्जी शिकायत कराकर मेरा खरोरा ट्रांसफर कर दिया। हर अधिकारी से मेरी बुराई की गई। जिससे कलेक्टर के सामने मेरी छवि ख़राब की गई।
‘कलेक्टर ने भी नहीं सुनी, संपत्ति की जांच कराई जाए’
अपने सुसाइड नोट में प्रदीप उपाध्याय ने लिखा है कि उनके द्वारा तीन बार लिखित रुप से मामले की जानकारी जिले के कलेक्टर गौरव सिंह को दी गई, पर कलेक्टर ने कुछ भी नहीं किया। अपने सुसाइड नोट में मृतक ने तीन अधिकारियों की संपत्ति की जांच की मांग भी की है। साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि वो इस मामले में मृतक को न्याय दिलाएं और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई किया जाए।
तब गर्व करने पर साधा गया था निशाना
पिछले माह सोशल मीडिया में बेंगलुरु में एक कंपनी की सीईओ अनुराधा तिवारी फिर से चर्चा में थीं। उन्होंने आरक्षण नीति पर सवाल उठाए थे। दरअसल इससे पहले एक ब्राह्मण लड़की ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद अनुराधा तिवारी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। अनुराधा तिवारी पहले भी ‘ब्राह्मण जीन्स’ वाले पोस्ट को लेकर विवादों में घिर चुकी थीं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या खुदको ब्राह्मण गर्व से कहने पर बहुतों का दर्द बढ़ जाता है और जानबूझकर ब्राह्मण देखकर टारगेट किया जाता है?