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राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक में छत्तीसगढ़ को देशभर में मिला दूसरा स्थान, बड़े राज्यों को पछाड़कर ‘एचीवर’ कैटेगरी में पहुंचा..

रायपुर। नीति आयोग द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को देशभर में दूसरा स्थान मिला है, जो राज्य की मजबूत वित्तीय नीतियों और स्थिर आर्थिक प्रबंधन को दर्शाता है।

नीति आयोग के इस अध्ययन में छत्तीसगढ़ ने 55.2 अंक प्राप्त किए और इसे ‘एचीवर’ श्रेणी में रखा गया है। यह रैंकिंग पांच प्रमुख उप-सूचकांकों—व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाना, राजकोषीय विवेक, ऋण सूचकांक और ऋण स्थिरता—के आधार पर तैयार की गई। खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ लगातार तीसरे वर्ष देश में दूसरा स्थान बनाए रखने में सफल रहा है।

नीति आयोग की रैंकिंग: राज्यों का योगदान और मूल्यांकन

नीति आयोग ने इस रैंकिंग में देश के 18 प्रमुख राज्यों को शामिल किया है। ये राज्य भारत की जीडीपी, सार्वजनिक व्यय, राजस्व जुटाने की क्षमता और समग्र राजकोषीय स्थिरता में अहम योगदान देते हैं। चूंकि राज्यों का सार्वजनिक व्यय देश के कुल सार्वजनिक व्यय का दो-तिहाई और कुल राजस्व का एक-तिहाई हिस्सा होता है, इसलिए उनकी वित्तीय स्थिरता राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस अध्ययन के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के आंकड़ों का उपयोग किया गया।

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य

रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष पांच उच्च प्रदर्शन करने वाले राज्य निम्नलिखित हैं:

  1. ओडिशा
  2. छत्तीसगढ़
  3. गोवा
  4. झारखंड
  5. गुजरात

वहीं, आकांक्षी (इम्प्रूवमेंट की जरूरत वाले) पाँच राज्य हरियाणा, केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और पंजाब हैं। हालांकि, अलग-अलग उप-सूचकांकों में राज्यों का प्रदर्शन भिन्न रहा। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश और बिहार व्यय की गुणवत्ता के लिहाज से अच्छा स्कोर करने में सफल रहे, लेकिन राजस्व जुटाने के मामले में वे निचले पायदान पर रहे।

छत्तीसगढ़ ने बड़े राज्यों को पीछे छोड़ा

इस रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया। 2022-23 की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने विभिन्न उप-सूचकांकों में यह स्कोर प्राप्त किया:

  • व्यय की गुणवत्ता – 55.1 अंक
  • राजस्व जुटाना – 56.5 अंक
  • राजकोषीय विवेक – 56.0 अंक
  • ऋण सूचकांक – 79.6 अंक
  • ऋण स्थिरता – 29.0 अंक

छत्तीसगढ़ व्यय की गुणवत्ता में ‘एचीवर’ श्रेणी में और राजस्व जुटाने में ‘फ्रंट रनर’ श्रेणी में शामिल किया गया। वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक राज्य लगातार दूसरे स्थान पर बना हुआ है।

छत्तीसगढ़ की वित्तीय नीतियों की सफलता

छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि राज्य की वित्तीय अनुशासन, कुशल राजस्व प्रबंधन और रणनीतिक व्यय नीतियों को दर्शाती है। राज्य सरकार की नीतियों ने वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने और विकास के नए अवसरों को बढ़ावा देने में मदद की है। इस प्रदर्शन से छत्तीसगढ़ देश के सबसे वित्तीय रूप से स्थिर राज्यों में से एक के रूप में उभर रहा है।

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