
बता दें कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस कदम को डिजिटल युग में एक अनूठी पहल बताया। उन्होंने कहा, हस्तलिखित बजट न केवल एक अलग पहचान रखता है, बल्कि यह ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। यह परंपरागत मूल्यों को सम्मान देने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में अब तक केवल कंप्यूटर-टाइप्ड बजट ही पेश किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार वित्त मंत्री ने एक अनूठे और परंपरागत अंदाज में बजट तैयार किया है।
इस बजट को लेकर सदन में उत्साह का माहौल देखने को मिला। विधायकों और अधिकारियों ने इसे एक सराहनीय कदम बताया। इस हस्तलिखित बजट ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है। लोग इसे डिजिटल युग में परंपराओं की ओर लौटने का एक सुंदर प्रयास मान रहे हैं। वित्त मंत्री के इस कदम से यह संदेश गया है कि तकनीक के बढ़ते दौर में भी परंपरागत मूल्यों को नहीं भुलाया जा सकता।