सिगरेट पीने वाले सावधान! ये फैक्ट जानकर नशा करने से लगेगा डर…

नई दिल्ली। आजकल के युवाओं को सिगरेट की लत लग गई है. स्मोकिंग से कई जानलेवा बीमारियां होती हैं. हर साल दुनियाभर में 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से मरते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक तंबाकू का सेवन हर लिहाज से नुकसानदेह है. मतलब कम मात्रा में भी स्मोकिंग शरीर के लिए हानिकारक है. तंबाकू से बने सभी प्रोडक्ट शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा करते हैं. हालांकि, इन हानिकारक पहलुओं की जानकारी होने के बावजूद धूम्रपान करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है.
वहीं भारत की बात करें तो, देश में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों के मुताबिक, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में करीब 45 फीसदी पुरुष धूम्रपान करते हैं. डॉ. स्वरूप स्वराज पाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 15 साल और उससे अधिक उम्र के 44.1 फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं. यह निश्चित तौर पर चिंताजनक आंकड़ा है और स्मोकिंग करने वालों की संख्या पर नियंत्रण की जरूरत है.
समय से पहले ही हो जाते हैं बूढ़े
इसके साथ ही बता दें कि सिगरेट पीने वाले लोग समय से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं. सिगरेट में तम्बाकू होता है और इसका धुआं शरीर के आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में लाखों लोग सिगरेट पीने से मरते हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में स्मोकिंग के कारण लगभग पांच लाख युवा लोगों की मृत्यु हो जाती है.
अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिगरेट पीने से शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचता है. सिगरेट का धुआं न केवल फेफड़ों और दिल को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पूरे शरीर पर भी विनाशकारी प्रभाव डालता है. जो लोग प्रतिदिन कई सिगरेट पीते हैं उनकी कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है. और उन्हें कई घातक बीमारियों का सामना करना पड़ता है. सिगरेट से कैंसर, दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. सिगरेट में निकोटीन और टार जैसे हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और शरीर के सामान्य कामकाज में बाधा डालते हैं.
ग्लेनेगल्स हॉस्पिटल्स परेल के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोवैस्कुलर और थोरेसिक सर्जन, डॉ. स्वरूप स्वराज पाल के मुताबिक, सिगरेट का धुआं सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है. इससे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) हो जाती है और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. यह रोग शरीर की सांस लेने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इतना ही नहीं, स्मोकिंग से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है. सिगरेट पीने से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो सकता है . जिससे टाइप 2 डायबिटीज का मरीज बनने का खतरा बढ़ जाता है.
प्रजनन स्वास्थ्य पड़ेगा असर
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सिगरेट पीने से प्रजनन स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. धूम्रपान से महिलाओं और पुरुषों दोनों की प्रजनन क्षमता खराब होने का खतरा रहता है. स्मोकिंग से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है और महिलाओं में हार्मोन असंतुलन हो सकता है. सिगरेट पीने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है. जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो सकती है. स्मोकिंग से नेत्र रोग बढ़ते हैं. इसके अलावा, धूम्रपान से रुमेटॉइड गठिया जैसी स्वप्रतिरक्षी बीमारियां भी हो सकती हैं. अतः इन सबके कारण जीवन की गुणवत्ता कम हो जाती है और लोग उम्र से पहले ही बूढ़े दिखने लगते हैं.