
रायपुर। जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकर ने हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा ढाबा होटलों में शराब बेचने हेतु लाइसेंस देने एवं शराब दुकानों में प्रति व्यक्ति 24 पाव (पौवा) शराब देने के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस फैसले को सामाजिक ताने-बाने के लिए अत्यंत हानिकारक, युवाओं को बर्बादी की ओर ले जाने वाला तथा ग्राम्य संस्कृति के विरुद्ध बताया है। वतन चन्द्राकर ने कहा कि ढाबा और होटलों में शराब बिक्री की अनुमति देना खुलेआम सार्वजनिक स्थलों को नशे के अड्डे में बदलने जैसा है। ऐसे स्थानों पर अक्सर परिवार, यात्री एवं ग्रामीण वर्ग भोजन के लिए आते हैं, और वहां शराब की उपलब्धता से अशांति, अश्लीलता और अपराध की संभावना बढ़ जाएगी। उन्होंने सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति 24 पौवा शराब देने के निर्णय को भी पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना करार दिया और कहा कि इससे नशे की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा और स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, एवं परिवारिक माहौल पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
वतन चन्द्राकर ने राज्य सरकार से तत्काल इन आदेशों को रद्द करने की मांग की है और अनुरोध किया है कि यदि इन निर्णयों पर शीघ्र रोक नहीं लगता तो आम जनो के माध्यम से जन आंदोलन चलाने के लिए विवश होंगे।