
आरंग। मंदिरों की नगरी के नाम से सुविख्यात नगर आरंग में भगवान नरसिंह का मात्र एक ही मंदिर है। यह मंदिर नगर के सिद्ध शक्तिपीठ बाबा बागेश्वरनाथ महादेव के समीप विद्यमान है।स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां वर्षों से होली, भगवान नरसिंहनाथ मंदिर के ठीक सामने जलाई जाती है क्योकि होलिका दहन और नरसिंह भगवान दोनो ही भक्त प्रह्लाद से संबंधित है।
होलिका दहन की पौराणिक कथा के अनुसार सतयुग में राजा हिरण्यकश्यप के सुपुत्र भक्त प्रहलाद को उनकी बुआ होलिका अपने गोद में लेकर चीता में बैठ जाती है। जिसमें भक्त प्रहलाद बच जाता है और होलिका जल जाती है। इसी कारण प्रतिवर्ष होलिका दहन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। तदन्तर भगवान विष्णु नरसिंह अवतार अर्थात आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारणकर दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप का वध करते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान नरसिंह का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। वहीं रविवार को आरंग में भी भगवान नरसिंहनाथ के मंदिर में पहुंचकर श्रद्धालु विशेष रूप से पूजा आराधना किए।
यहां भगवान नरसिंहनाथ की प्राचीन पाषाण से निर्मित प्रतिमा कंकाली और नारायण बन हनुमान मंदिर में दिखाई पड़ता है। वही ठाकुर गोपाल मंदिर में भी भगवान नरसिंह नाथ की प्रतिमा स्थापित की गई है।जो जन आस्था का केंद्र है।