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युक्तियुक्तकरण से लौट आई स्कूलों की रौनक — फिर गूंजने लगे हिंदी-अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवाल

युक्तियुक्तकरण से लौट आई स्कूलों की रौनक — फिर गूंजने लगे हिंदी-अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवाल

एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला अमोदी, बस्ती पारा एवं धोवभट्टी को मिले एक-एक शिक्षक

रायपुर। युक्तियुक्तकरण के तहत गांवों में एक बार फिर शिक्षा की नई किरण फूटी है। वर्षों से एकल शिक्षकीय रहे आरंग ब्लॉक के प्राथमिक शालाओं — अमोदी, बस्ती पारा और धोवभट्टी — में अब बच्चों की हँसी, पाठों की गूंज और सीखने की उमंग लौट आई है। यह बदलाव संभव हुआ है प्रदेश सरकार के युक्तियुक्तकरण के निर्णय से, जिसने इन स्कूलों में फिर से शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित की है।

इन प्राथमिक शालाओं में लंबे समय तक सिर्फ एक-एक शिक्षक कार्यरत थे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी और पालक भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इन दोनों स्कूलों में एक-एक अतिरिक्त शिक्षक की पदस्थापना की गई है। शिक्षकों के आने से अब कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। छोटे-छोटे बच्चे फिर से क, ख, ग से लेकर A, B, C और पहाड़े दोहराते दिखाई देने लगे हैं। बच्चों के साथ पालक भी उत्साहित नजर आ रहे हैं।

प्राथमिक शाला डोवभट्टी के प्रधानपाठक बंजारे बताते हैं, “पहले हमारे गांव का स्कूल एकल शिक्षकीय था। मैं अकेले सभी कक्षाएं संभालता था, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा था। लेकिन अब एक और शिक्षक के आने से पढ़ाई में सुधार आया है। बच्चों में सीखने की ललक बढ़ी है। बच्चों एवं शाला की गतिविधियों में सुधार आया है” प्राथमिक शाला अमोदी, बस्ती पारा के प्रधानपाठक श्री घनश्याम साहू भी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, “बच्चों को अब शिक्षक का प्रत्येक पर्याप्त मार्गदर्शन एवं समय मिल रहा है। नए शिक्षक के आने से स्कूल में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। अब बच्चों के पढ़ाई का स्तर भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है इन गांवों के स्कूल अब केवल भवन नहीं, बल्कि ज्ञान का केंद्र बनते जा रहे हैं — जहां उम्मीदें पलती हैं, सपने आकार लेते हैं, और भविष्य संवरता है। प्रधानपाठकों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इस महत्वपूर्ण कदम के लिए आभार व्यक्त किया है।

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