
भारी बारिश से तबाही! थनौदा गांव डूबा, SDRF ने भारतमाला प्रोजेक्ट के मजदूरों को बचाया
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में बीते चार दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है. इस बारिश से सबसे ज्यादा दुर्ग जिला प्रभावित हुआ है. दुर्ग जिले से गुजरने वाली सभी नदी नाले उफान पर है. शिवनाथ नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. सबसे ज्यादा असर थनौदा गांव पर पड़ा है. यह गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुका है.
थनौदा गांव बाढ़ में डूबा
मूसलाधार बारिश की वजह से दुर्ग का थनौदा गांव पानी में डूब चुका है. यहां के रहने वाले लोगों को घर बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर रुख करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी इस गांव में काम करने वाले मजदूरों को हो रही है. वो मजदूर जो ईंट भट्टों में काम करते हैं उन्हें खतरनाक स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. इस गांव के किसान भी अपने मवेशियों और खेतों को छोड़कर दूसरे स्थानों का रुख कर रहे हैं.
32 लोगों को बचाया गया
चार दिनों से हो रही बारिश की वजह से थनौदा गांव में हालत बेहद खराब होते जा रहे हैं. यहां बाढ़ के पानी से कुल 32 लोगों को बचाया गया. सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें सेफ जगह पर पहुंचाया गया है. सभी मजदूर भारतमाला प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे. एसडीआरएफ की टीम ने भारतमाला प्रोजेक्ट में काम कर रहे सभी मजदूरों को सकुशल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
जिला प्रशासन की लोगों से अपील
बाढ़ से बिगड़े हालात के बीच जिला प्रशासन की टीम लगातार लोगों को बचाने का कार्य जारी रखे हुए हैं. एसडीआरएफ के जवान नौका के जरिए बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों से यह भी निवेदन किया जा रहा है कि वे बाढ़ वाले इलाकों का रुख न करें.
दुर्ग जिले के बारे में जानिए
दुर्ग छत्तीसगढ़ का सबसे अहम और बड़ा जिला है. इस जिले में भिलाई स्टील प्लांट स्थिति है. इस जिले में कुल 300 से ज्यादा गांव है. इस जिले में शिवनाथ और खारुन नदी बहती है. दुर्ग में दुर्ग, धमधा और पाटन विकासखंड है.
बढ़ रहा नदी का जलस्तर
दुर्ग जिले में लगातार चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है. भारी बारिश के कारण शिवनाथ नदी सहित अन्य जल स्रोतों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. लगातार चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है.
4 डैमों से छोड़ा गया पानी
चार जलाशयों मोंगरा, घुमरिया, खटोला जलाशय और सूखा नाला से एक साथ पानी छोड़ा गया. इसके कारण महमरा एनीकट से 7 फीट ऊपर पानी बह रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है. अब तक 35 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. यह सभी लोग ऐसे स्थानों पर फंसे हुए थे जहां पहुंचना भी बेहद मुश्किल था.