
प्रस्तावित शराब दूकान विरोधी खौली में चोरी – छिपे अवैध शराब बिक्री, दो कोचिये सपड़ाये
रायपुर। आबकारी विभाग द्वारा प्रस्तावित शराब दूकान के विरोध में मुखर आंदोलन कर दूकान न खुलने देने वाले खरोरा थाना क्षेत्र के ग्राम खौली में ग्रामीणों की कड़ाई के बाद भी कतिपय असामाजिक तत्व अब भी अवैध शराब बिक्री करने से बाज नहीं आ रहे। फर्क सिर्फ इतना पड़ा है कि अब खुले आम के बदले चोरी छिपे शराब बिक रही हैं लेकिन ग्रामीण अब इसे भी रूकवाने आमादा हो गये है और ग्रामीणों की सूचना पर बीते दिनों दो कोचिये पुलिस व आबकारी अमला के सपड़ मे आ गये।
ज्ञातव्य हो कि खौली में प्रस्तावित शराब दूकान के खिलाफ आसपास के ग्रामों के ग्रामीणों के सहयोग से मुखर आंदोलन कर शराब दूकान न खुलने देने वाले ग्रामीणों ने ग्रामीण व्यवस्था के तहत अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है व शराब बेचने वाले को दंड सहित जानकारी देने वाले को ईनाम की भी घोषणा कर रखा है।
बीते दिनों एक पुलिसिया रिकार्डधारी अवैध शराब बिक्रेता को ग्रामीणों द्वारा पकड़े जाने पर ग्रामीण व्यवस्था के तहत उसे दंडित भी किया गया था और पकड़वाने वाले को पुरस्कृत भी किया गया था। इसके बाद भी कोचिये चोरी छिपे शराब बेचने से बाज नहीं आ रहे। बीते 28 जुलाई को जहां सूचना पर खरोरा पुलिस अमला ने पुलिसिया रिकार्डधारी गौतम चंद्राकर को 13 पौव्वा शराब के साथ रंगे हाथ पकड़ जमानतीय अपराध होने के कारण जमानत पर रिहा कर दिया था वहीं शुष्क दिवस घोषित 15 अगस्त के दिन आबकारी अमला ने दबिश दे शत्रुघ्न कुर्रे को 5 लीटर से अधिक शराब के साथ रंगे हाथ दबोच गैर जमानतीय अपराध के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालयीन आदेश पर जेल भेज दिया था जिसे कल गुरुवार को सत्र न्यायालय ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। ग्रामीण सूत्रों के अनुसार खरोरा से मंदिर हसौद थाना क्षेत्र के ग्राम कठिया के रास्ते शराब सप्लायर सूनसान इलाके में शराब ला दे रहा है जिस पर ग्रामीणों की नजर है।
क्षेत्र में शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने कहा है कि कतिपय दिनों से क्षेत्रवासियों के मुखर न होने के चलते मंदिर हसौद व आरंग थाना क्षेत्र के ग्रामों में कतिपय शराब सप्लायर व कोचियों के पितर पक्ष समाप्त होने के बाद फिर सक्रिय होने व शाम ढले अंदरूनी ग्रामीण सड़कों में पियक्कड़ो का मजमा जमने की जानकारी मिल रही है । इस संबंध में ग्रामीणों से ग्रामीण व्यवस्था के तहत अंकुश लगाने की पहल के साथ साथ पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यानाकर्षण करा कार्यवाही का भी आग्रह किया जावेगा।