छत्तीसगढ़

पति की मौत के बाद मोबाइल से खुला बेवफा बीवी की खौफनाक साजिश का राज!

पति की मौत के बाद मोबाइल से खुला बेवफा बीवी की खौफनाक साजिश का राज!

महासमुंद। शहर के पोस इलाके में बसे एक परिवार में शुक्रवार की रात उस वक्त दिल दहला देने वाला हादसा हुआ जब 37 वर्षीय युवक दिनेश साहू ने अपनी ही पत्नी की बेवफाई का राज खुलने के बाद आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया। दो बच्चों का पिता अपनी बेगैरत पत्नी चन्देश्वरी साहू से वीडियो कॉल पर बात कर उसकी हरकतों का पर्दाफाश करता रहा और देखते-देखते खुद ही फांसी के फंदे पर झूल गया।

पत्नी पर जान छिड़कता था पति

बताया जा रहा है कि युवक अपनी पत्नी पर जान छिड़कता था उसे यह अंदेशा ही नहीं था कि उसकी पत्नी किसी दूसरे मर्द के साथ नग्न होकर बात करना पसंद करती थी। हक़ीक़त से जब मृतक का सामना हुआ तो उसका सब कुछ लुट चुका था। दिलों जान से जिस पत्नी को वह प्यार करता था, वहीं किसी और की बाहों में सुकून खोज रही थी। अपनी पत्नी की व्हाट्सएप चैट, फेसबुक चैट एक से अधिक मर्दों के साथ देख कर युवक बदहवास हो गया और उसने बदहवासी और गुस्से में पत्नी जो मुंबई गई थी को आधारित व्हाट्सएप पर कॉल कर फांसी के फंदे पर झूल गया। उसने अपनी अंतिम सांसों तक पत्नी की करतूतों का हिसाब मांगते हुए मौत को गले लगाया।

यह लाइव आत्महत्या का दृश्य जिसने भी सुना, उसकी रूह कांप गई। पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिर बेवफाई के बोझ तले कोई इंसान कब तक टूटेगा? इस हृदय विदारक घटना ने कई परिवारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि रिश्तों की बुनियाद जब विश्वास से हिल जाती है तो परिवार कब तक सुरक्षित रह पाता है।

‘मोटू-पतलू क्लब’ का काला खेल – फिटनेस और वेलनेस के नाम पर रिश्तों में जहर घोलने का गंदा धंधा!

युवक की दर्दनाक मौत के बाद जब हमारी टीम ने समाज के भीतर झांकने की कोशिश की, तो एक ऐसी चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई जिसने सबको हिला दिया। शहर में इन दिनों फिटनेस, ब्यूटी और वजन घटाने के नाम पर कई तथाकथित क्लब चल रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा चर्चित है ‘मोटू-पतलू क्लब’ – जिसके अंदरूनी सच ने रिश्तों की नींव तक हिला दी है। क्लब के मालिक खुद को वेलनेस कोच बताकर भोले-भाले लोगों को अमीर बनने और हेल्दी लाइफस्टाइल के सपने दिखाते हैं। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। असल में, यहां सुंदर और आकर्षक महिलाओं को आगे लाकर पेश किया जाता है ताकि उनके लटके-झटके और बनावटी मुस्कान से पुरुषों को फंसाया जा सके। दूसरी ओर, चुस्त-दुरुस्त और चालाक पुरुषों को सामने रखकर उन घरेलू महिलाओं को अपने जाल में खींचा जाता है जिन्हें शॉपिंग, मौज-मस्ती और घूमने-फिरने का शौक होता है।

रिश्तों की पवित्रता का सौदा

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस क्लब में पति-पत्नी दोनों को सदस्य बना लिया जाता है। ताकि बाहरवालों को भनक तक न लगे कि अंदर किस तरह का फूहड़ खेल चल रहा है। पति सोचता है पत्नी फिटनेस सीख रही है, और पत्नी समझती है कि पति वर्कआउट कर रहा है – जबकि असलियत में यहां रिश्तों की पवित्रता का सौदा हो रहा है। शहर में यह क्लब अब धीरे-धीरे शादीशुदा जोड़ों की जिंदगी में दरार डाल रहा है। कहा जा रहा है कि कई परिवारों की टूटने और कलह की जड़ यही तथाकथित फिटनेस क्लब है।

फिटनेस की आड़ में रिश्तों का जाल

शहर में खुला एक तथाकथित फिटनेस क्लब इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। मोटापे से निजात और सुंदरता संवारने का झांसा देकर लोगों को जोड़े जाने वाला यह तथाकथित “मोटू पतलू क्लब” असल में एक अलग ही खेल खेल रहा है।

शुरुआत में क्लब के संचालक खुद को वेलनेस कोच बताकर भोले-भाले लोगों को सुनहरे भविष्य और आकर्षक लाइफस्टाइल का सपना दिखाते हैं। नए सदस्यों को खासतौर पर शहर से बाहर होटलों में आयोजित सेमिनार में बुलाया जाता है। इन कार्यक्रमों में अमीर और पुराने सदस्य नए मेहमानों के साथ मिलकर गाने-बजाने और डांस पार्टियों का माहौल बनाते हैं। इसी दौरान मेलजोल बढ़ता है, मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान होता है और फिर धीरे-धीरे बन जाते हैं अनजान रिश्ते।

हर हफ्ते होने वाली इन पार्टियों के अलावा क्लब प्रबंधन मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद और गोवा तक सेमिनार के नाम पर टूर आयोजित करता है। कुछ ही महीनों में घर-परिवार की जिम्मेदारियों से दूर रहने वाली महिलाएं इस जाल में गहराई तक फंस जाती हैं। वहीं सामान्य जीवन जीने वाले पुरुष भी आकर्षक महिलाओं की संगत में पूरी तरह क्लब के रंग में रंग जाते हैं।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस क्लब में कई सरकारी कर्मचारी और अफसर भी सक्रिय सदस्य बताए जाते हैं। दफ्तर में कम और क्लब की पार्टियों में ज्यादा दिखाई देने वाले ये मुलाजिम अब चर्चा का विषय बने हुए हैं।

क्लब का चौंकाने वाला सच

इस तथाकथित “मोटू पतलू क्लब” की चकाचौंध में एक बार जो सदस्य फंस जाता है, उसके लिए यह क्लब किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता। लेकिन असलियत बेहद डरावनी है।

क्लब के मुख्य वेलनेस कोच अपने सदस्यों पर दबाव बनाते हैं कि कंपनी की पॉलिसी के अनुसार उन्हें हर महीने लाखों रुपये का टारगेट पूरा करना होगा। यदि सदस्य यह टारगेट समय पर पूरा नहीं कर पाए, तो उन्हें क्लब द्वारा आयोजित सेमिनार और महंगे टूर से बाहर कर दिया जाता है। इस डर और लालच में फंसे सदस्य अपने घर-परिवार की गाढ़ी कमाई क्लब में झोंक देते हैं, सिर्फ इस आशंका से कि कहीं क्लब की चकाचौंध भरी पार्टियों और फूहड़ मनोरंजन से वे वंचित न रह जाएं।

इसी मजबूरी का फायदा उठाकर क्लब के सीनियर कोच हर महीने लाखों रुपये का मोटा कमीशन अपनी जेब में डाल रहे हैं। जबकि भोले-भाले सदस्य कर्ज़ और आर्थिक तंगी के दलदल में धंसते जा रहे हैं।

वेलनेस की आड़ में अय्याशी का खेल!

युवक की मौत के बाद अब क्लब के भीतर छिपे काले कारनामे धीरे-धीरे बाहर आने लगे हैं। क्लब के कुछ पुराने मेंबरों ने खुलासा किया है कि “वेलनेस कोच” की आड़ में यहां सिर्फ पैसा ही नहीं, बल्कि रिश्तों और इज़्ज़त का भी खेल चल रहा है।

क्लब से जुड़ी महिलाओं को दबाव डालकर कहा जाता है कि वे अपनी खूबसूरत और आकर्षक तस्वीरें व्हाट्सएप डीपी पर लगाएं, ताकि नए लोग आसानी से फंस सकें। यही नहीं, कंपनी का प्रोडक्ट और नेटवर्क बढ़ाने के नाम पर महिला सदस्य दिन-रात अजनबी पुरुषों से फोन और ऑनलाइन मीटिंग करती रहती हैं।

हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लगातार घर से बाहर रहकर महिला-पुरुष सदस्य मीटिंग और ऑनलाइन कोचिंग के बहाने एक-दूसरे के बेहद करीब आ रहे हैं। एक पुराने मेंबर ने तो यहां तक बताया कि क्लब के कुछ सदस्य अब दूसरों की बीवियों से संबंध बनाने लगे हैं।

अय्याशी और अनैतिक रिश्तों का अड्डा

“किसी भी साथी के घर जाओ, घंटों बैठकर बातचीत करो, औरतों के पतियों को तो जरा भी शक नहीं होता।” असल में, चमक-दमक और वेलनेस की ओट में यह क्लब धीरे-धीरे अय्याशी और अनैतिक रिश्तों का अड्डा बनता जा रहा है।

बेवफाई की परतें उघड़ीं: पति की मौत के बाद पत्नी का चौंकाने वाला रवैया!

युवक की आत्महत्या के बाद अब उसके घर-परिवार ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। परिजनों का कहना है कि मृतक की पत्नी के पास अक्सर युवक आते-जाते थे। ये लोग कभी भी, दिन हो या रात, घर में घुस जाते और घंटों हंसी-मजाक करते हुए दूसरे क्लब मेंबरों की बुराई किया करते थे। इनमें शहर के अलावा 10 से 12 किलोमीटर दूर रहने वाले कुछ अमीर और रसूखदार पुरुषों का नाम भी सामने आया है। परिजनों के मुताबिक, मृतक का घर ही इन लोगों का अड्डा बन गया था।

सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि पति की मौत के बाद जब पत्नी घर लौटी तो वह तनिक भी दुखी नहीं दिखी। परिजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद वह आराम से सो गई, मानो कोई बड़ा सदमा ही न हुआ हो।

इतना ही नहीं, अगले ही दिन मृतक की पत्नी पूरी तैयारी के साथ घर में रखे जेवर, नकदी और प्रॉपर्टी के कागजात समेटकर अपने मायके चली गई। पीछे छूट गए केवल उसकी बूढ़ी सास और अपंग ससुर, जिनके सहारे अब कोई नहीं है। परिजनों का आरोप है कि पति की आत्महत्या में उसकी पत्नी की बेवफाई और लापरवाही सबसे बड़ी वजह बनी।

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