भाइयों द्वारा बहन को प्रॉपर्टी तोहफ़े में देने से क्या बहन के पति का भी होगा उस प्रॉपर्टी में हक़? क्या कहता है कानून…

भाइयों द्वारा बहन को प्रॉपर्टी तोहफ़े में देने से क्या बहन के पति का भी होगा उस प्रॉपर्टी में हक़? क्या कहता है कानून…
नई दिल्ली। भाई – बहन का रिश्ता अटूट धागों से बंधा होता है यदि भाई अपनी बहन को प्रॉपर्टी का आधा हिस्सा तोहफ़े में दे तो हर किसी के ज़हन में ये बात आती है कि क्या इस प्रॉपर्टी में बहन के पति का भी हक़ होगा? जान लीजिये क्या कहते हैं कानून के नियम..
भारत देश में हर एक काम को लेकर कानून बनाया गया है। प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर भी कानून के तहत नियम तय किए गए हैं। अक्सर देखा जाता है जब परिवार में प्रॉपर्टी का बंटवारा किया जाता है। तो कई बार कुछ इस तरह के फैसले भी होते हैं, जो लोगों को हैरान कर देते हैं। कई बार लोगों को लगता है कि क्या किसी के नाम पर प्रॉपर्टी की गई तो उससे जुड़े किसी और शख्स का भी उस प्रॉपर्टी पर हक़ होता है। जैसे भाईयों ने अपनी बहन के नाम पर प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर दी। तो क्या बहन के नाम हुई प्रॉपर्टी पर उसका कंट्रोल पूरी तरह उसी का होगा या फिर उसके पति का भी उसमें कोई रोल होगा। बहुत से लोगों को इस बारे में साफ जानकारी नहीं होती है। इस तरह के केस में क्या कहता है कानून? आईये आपको बताते हैं..
क्या भाईयों द्वारा बहन को दी गयी गिफ्टेड प्राॅपर्टी में होगा पति का हक?
अगर सब भाई अपनी बहन को प्रॉपर्टी गिफ्ट करते हैं। तो उसका मालिकाना हक पूरी तरह से बहन का होता है। कानून के हिसाब से गिफ्ट डीड के बाद प्रॉपर्टी उसी की मानी जाती है। जिसके नाम पर गिफ्ट की गई होती है। ऐसे में पति का उस पर कोई सीधा हक नहीं बनता। अगर बाद में बहन उस प्रॉपर्टी को बेचना या ट्रांसफर भी करना चाहे तो भी उसे लीगल डॉक्यूमेंट्स में पति की सहमति की जरूरत नहीं होती। प्रॉपर्टी की मालकिन होने के नाते, बहन अपनी इच्छा से उस प्रॉपर्टी को बेच सकती है या किसी और को ट्रांसफर कर सकती है लेकिन अगर बहन की मृत्यू हो जाती है और उसने कोई वसीयत नहीं बनाई है, तो उस स्थिति में पति उस प्रॉपर्टी का लीगल वारिस होने के नाते अपनी हिस्सेदारी क्लेम कर सकता है।
गिफ्ट डीड क्या होती है?
गिफ्ट डीड एक लीगल पेपर होता है जिसके जरिए कोई इंसान अपनी प्रॉपर्टी, जमीन या घर बिना पैसे लिए किसी और को दे देता है। इसमें देने वाले को डोनर और पाने वाले को डोनी कहा जाता है। लेकिन यह डॉक्यूमेंट तभी लीगल माना जाता है। जब इसे स्टांप पेपर पर बनवाकर रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्टर्ड कराया जाए। ऐसा करने के बाद प्रॉपर्टी पर पूरा हक उसी का हो जाता है जिसके नाम यह गिफ्ट की गई है। कुल मिलाकर कहें तो गिफ्ट डीड सबूत है कि अब प्रॉपर्टी का असली मालिक वही है जिसके नाम ये पर की गयी है।