
शराब घोटाला मामले में एक और बड़ी कार्रवाई, पूर्व आयुक्त को किया गया गिरफ्तार…
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रहे बहुचर्चित शराब घोटाले में कार्रवाई का सिलसिला जारी है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गुरुवार को आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी अपराध क्रमांक 04/2024 के तहत की गई है। मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 12 (संशोधित अधिनियम 2018) सहित भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत दर्ज है।
जांच एजेंसी का कहना है कि निरंजन दास विभाग के प्रमुख रहते हुए शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर पूरे सिस्टम को प्रभावित कर रहे थे। आरोप है कि उनके कार्यकाल में शासकीय शराब दुकानों में बड़े पैमाने पर अनअकाउंटेड शराब की बिक्री हुई। साथ ही अधिकारियों के ट्रांसफर में मनमानी, टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर और दोषपूर्ण शराब नीति लागू करने जैसी गतिविधियों में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
करोड़ों के असम्यक लाभ का आरोप
EOW और ACB की संयुक्त टीम ने चार्जशीट में उल्लेख किया है कि निरंजन दास ने सिंडिकेट से मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ अर्जित किया। जांच में यह भी सामने आया है कि यह लाभ नकद और अन्य माध्यमों से उन्हें पहुंचाया गया।
शराब घोटाले का बड़ा नेटवर्क
गौरतलब है कि इस घोटाले में पहले ही कई बड़े अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं। इस मामले में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया, पुष्पक और चैतन्य बघेल के नाम चार्जशीट में दर्ज हैं। आरोप है कि इस सिंडिकेट ने राज्य में शराब की बिक्री से लेकर ट्रांसपोर्टेशन और टेंडर आवंटन तक एक समानांतर तंत्र खड़ा कर रखा था, जिससे हज़ारों करोड़ का घोटाला हुआ।
जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभव
EOW के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यह जांच अभी जारी है और आगे और भी गिरफ्तारियां संभव हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कई अन्य अधिकारियों और निजी ठेकेदारों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।