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साय सरकार बड़ा फैसला: इस जिले में धान खरीदी से जुड़े 4 कर्मचारियों पर दर्ज की गई FIR.. जानें क्या है आरोप..

साय सरकार बड़ा फैसला: इस जिले में धान खरीदी से जुड़े 4 कर्मचारियों पर दर्ज की गई FIR.. जानें क्या है आरोप..

रायपुर। प्रदेशभर में 15 नवम्बर से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। सरकार ने धान खरीदी में किसी भी तरह की संभावित अव्यवस्था को देखते हुए एस्मा कानून लागू कर दिया है। इस कानून के प्रभावी होने के बाद से बड़े पैमाने पर समितियों के कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों कई कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, तो वहीं अब रायपुर जिले में हड़ताली कर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी कराई गई है। सभी पर आंदोलन की वजह से धान खरीदी की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने का आरोप है।

जिन कर्मचारियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है, उनमें कौशल वर्मा, बृजमोहन देवांगन, राम कुमार वर्मा और पोषण लाल धुरंधर का नाम शामिल है। सभी कर्मियों पर संबंधित शाखा प्रबंधकों ने एस्मा के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देश पर सभी पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की गई। ये सभी एफआईआर खरोरा, धरसीवां और नेवरा थानों में दर्ज की गई हैं।

विभाग सतर्क, अवैध धान जब्त

छत्तीसगढ़ में धान के अवैध परिवहन पर खाद्य विभाग द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसी कड़ी में विभाग ने 19 हजार 320 क्विंटल अवैध धान जब्त किया है। बता दें कि मार्कफेड ने धान के अवैध परिवहन करने वालों को रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। इस फोर्स की कार्रवाई में अब तक महासमुंद जिले में सर्वाधिक 4 हजार 266 क्विंटल धान जब्त किया जा चुका है। इसी तरह मोहला-मानपुर चौकी में सबसे कम 27 क्विंटल धान जब्त किया जा चुका है।

सक्ती में सेवा से बर्खास्त कर्मचारी

छत्तीसगढ़ में 15 नवम्बर से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है। सरकार ने किसानों से किए गए अपने वादे के मुताबिक धान खरीदी के लिए जिला स्तर पर व्यापक तैयारियां की हुई हैं। हालांकि इस बीच सरकार के लिए लिए गए फैसले से हड़कंप मच गया है। दरअसल राज्य सरकार के निर्देश पर सक्ती जिले में सहकारी सेवा समिति के सात कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सभी कर्मचारियों पर धान खरीदी की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने के गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं प्रदेशभर में एस्मा कानून भी लागू है, लिहाजा जिला प्रशासन ने अनुशासनहीनता बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ फैसला लेकर अन्य आंदोलनकारी कर्मियों को कड़ा संदेश दिया है। जिला प्रशासन के इस फैसले से सहकारी समितियों में हड़कंप की स्थिति है।

धान खरीदी और कर्मचारियों की हड़ताल

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार 15 नवम्बर से प्रदेशभर के 25 लाख से ज्यादा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत कर चुकी है। दूसरी ओर सहकारी समितियों के कर्मचारी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिससे व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है। लिहाजा अब सरकार ने प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है। इस संबंध में गृह विभाग ने एक आदेश भी जारी किया है।

गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि धान खरीदी की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की हड़ताल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आदेश में कहा गया है कि खरीदी कार्य से इंकार करने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी और धान खरीदी प्रक्रिया हर स्थिति में निर्बाध रूप से संचालित की जाएगी। गृह विभाग ने निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी अपने-अपने कार्यस्थल पर लौटें, अन्यथा आगे कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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