राष्ट्रपति मुर्मू ने दी ‘जी राम जी’ विधेयक को मंजूरी,अब ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों का रोजगार

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) गारंटी विधेयक, 2025 (VB-G RAM G या जी राम जी) को मंजूरी दे दी। इस विधेयक के कानून बनते ही 20 साल पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह नया ढांचा लागू हो जाएगा। नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को सालाना 125 दिनों का वैधानिक रोजगार मिलेगा, जो पहले 100 दिन था।
यह विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ विजन से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आजीविका सुरक्षा, कृषि उत्पादकता और टिकाऊ संपत्ति निर्माण को मजबूत करना है। इसमें जल संरक्षण, ग्रामीण अवसंरचना, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय संसाधनों के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया है। प्रशासनिक खर्च की सीमा 6% से बढ़ाकर 9% की गई है, ताकि बेहतर स्टाफिंग और तकनीकी सहायता मिल सके।
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने गांधीजी के आदर्शों को कमजोर किया, जबकि मोदी सरकार ने उन्हें जीवित रखा। उन्होंने तुलना करते हुए बताया कि यूपीए सरकार में 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित हुए, जबकि मोदी सरकार में 3210 करोड़। महिलाओं की भागीदारी भी 48% से बढ़कर 56.73% हो गई। चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए मनरेगा में गांधीजी का नाम जोड़ा था। विपक्ष ने गांधीजी का नाम हटाने और राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ाने का आरोप लगाया। विधेयक विपक्ष के विरोध के बीच संसद से पारित हुआ था। सरकार का दावा है कि यह कानून ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाएगा।



