मुख्यमंत्री ने कहा-विशेष पिछड़ी जनजाति पण्डो के सर्वसुविधायुक्त व्यवस्थापन की होगी व्यवस्था
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विशेष पिछड़ी जनजाति पण्डो के सर्वसुविधायुक्त व्यवस्थापन की व्यवस्था पर सहमति जताई है। सूरजपुर जिले के बिहारपुर-चांदनी क्षेत्र के वनांचल के पहाड़ी पर बसे गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मुख्यमंत्री ने संसदीय सचिव एवं भटगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक पारसनाथ राजवाड़े को जिम्मेदारी सौंपी है। बिहारपुर-चांदनी क्षेत्र के पहाड़ी ग्राम बैजनपाठ, तेलाईपाठ, लुल्हभुण्डा और दुधनिया में रहने वाले पण्डो जनजाति परिवारों से उनके व्यवस्थापन के संबंध में चर्चा करने कहा है। सहमति के आधार पर ही उक्त गांवों के आस-पास उपयुक्त भूमि के चिन्हांकन की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पण्डो परिवारों को बिजली, पानी, सड़क आदि मूलभूत सुविधाएं सहित आवास उपलब्ध कराया जा सके।
गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड के ग्राम बैजनपाठ, तेलाईपाठ, लुल्हभुण्डा और दुधनिया में लगभग सौ-सवा-सौ पण्डो परिवार वर्षों से निवासरत है। पहाड़ी पर बसे होने के कारण यहां बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं का अभाव है। पण्डो जनजातियों के 70-80 परिवार मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण अपने गांव को छोड़कर बीते 4 जनवरी से पहाड़ के तराई वाले कोलुहा जंगल क्षेत्र में आ गए हैं। संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े ने पण्डो परिवारों की उक्त समस्याओं और मांगों के मद्देनजर शुक्रवार को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर उनका ध्यान आकर्षित किया। इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा।
मुख्यमंत्रीभूपेश बघेल ने संसदीय सचिव राजवाड़े को पण्डो जनजातियों के सुव्यवस्थित व्यवस्थापन के संबंध में तत्काल कार्रवाई की बात कही।