राटाकाट में 04 फरवरी से श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का होगा आयोजन
आरंग। ग्राम पंचायत राटाकाट में 04 फरवरी से आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है l जिसमें गोकर्ण कथा, परीक्षित जन्म एवं श्राप, शिव चरित्र, ध्रुव चरित्र, वामन चरित्र, अमिल कथा, प्रहलाद चरित्र, राम अवतार, कृष्ण अवतार, माखन चोरी, रास लीला, रुक्मणी विवाह, वाणासुर कथा, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, शोभा यात्रा, हवन शांति, गीता, सहस्त्रधारा आदि गतिविधियां संचालित किया जा रहा है l
साथ ही श्रीमद् भागवत कथावाचक पंडित विकास मिश्रा ने बताया कि जीव और ब्रह्मा के मिलने को ही महारास कहते हैं, सुदामा चरित्र के माध्यम से हमें मित्रता की शिक्षा मिलती है, सुदामा ने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए भगवान कृष्ण के मित्र होते हुए भी कुछ भी नहीं मांगा जिससे निस्वार्थ समर्पण की शिक्षा मिलती हैl साथ ही कथा के दौरान परीक्षित मोक्ष, भगवान सुखदेव की विदाई का वर्णन किया गयाl
कथा परायणकर्ता पंडित शरद मिश्रा ने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से मन और आत्मा को परम सुख की प्राप्ति होती है, प्रभु के बताए उपदेशों-उच्च आदर्शों को जीवन में अपनाने से मानव जीवन का उद्देश्य सफल हो जाता हैl भजन, प्रेरक गीतों के माध्यम से श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करने लगेl
सुदामा चरित्र प्रसंग में अपने मित्र के विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाने को ही मित्रता का धर्म माना गया हैl वर्तमान समय आर्थिक युग का समय है लोग पैसे कमाने के होड में परिवार व समाज को समय नहीं दे पा रहे हैं जिसके चलते परिवार में कलह की स्थिति निर्मित हो रही है l
परिवार को संजोकर रखना भी चुनौती हो गया है l प्रभु श्री कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा की गरीबी को देखकर अपने राज सिन्हासन पर बिठाया और उन्हें उलाहना दिया कि जब गरीबी में रह रहे थे तो अपने मित्र के पास तो आ सकते थे l लेकिन सुदामा ने मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए श्री कृष्ण से कुछ नहीं मांगाl
उक्त कथा ज्ञानयज्ञ का संचालन जय नारायण दुबे सरपंच ग्राम पंचायत राटाकाट के द्वारा संचालित किया जा रहा है l जिसमें परिवार के सदस्यों के अलावा ग्राम के महिला, बुजुर्ग, युवा एवं वरिष्ठ नागरिकों का विशेष उपस्थित रहे l