छत्तीसगढ़ के बैगा महोत्सव में जमकर झूमे मंत्री प्रेमसाय टेकाम
कवर्धा । वनांचल ग्राम छिन्दीडीह में तीन दिवसीय बैगा बाल महोत्सव आयोजित है। इस अवसर पर पंडरिया, बोड़ला के अलावा मध्यप्रदेश के कई जिलों से बैगा भी शामिल हुए। बैगा महोत्सव एक जिले की बैगा संस्कृति का अन्य जिले व राज्यों तक आदान प्रदान के लिए आयोजित किया जाता है।
पंडरिया के वनांचल में लगातार 11 वर्ष से बैगा समाज और आस्था समिति द्वारा यह बैगा बाल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। बैगा बाल महोत्सव में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय टेकाम मुख्य अतिथि रहे। मंत्री टेकाम ने बैगा बाल महोत्सव का शुभांरभ करते हुए समाज स्थानीय वनोपज संसाधनों से उपलब्ध सामग्री प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने बैगा नर्तक दलों के साथ खुद बैगा वेशभूषा धारणकर गीत-संगीत में हिस्सा लेते हुए बैगा आदिवासियों के साथ नृत्य भी किया।
उन्होंने तीन अलग-अलग बैगा नर्तक दलों को 45 हजार रुपए के चेक वितरण किए। उक्त महोत्सव में बैगा समाज के प्रदेशाध्यक्ष ईतवारी बैगा, लमतू राम बैगा, बैगा विकास अभिकरण के जिला अध्यक्ष पुसूराम बैगा, बैगा समाज के जिला अध्यक्ष कामू बैगा और कोरिया, मुंगेली, गौरेला पेन्ड्रा मरवाही, जिले में निवासरत बैगा समाज के जिला अध्यक्ष, पदाधिकारी, साथ ही कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नीलकंठ चन्द्रवंशी, मुकुंद माधव कश्यप विशेष रूप से उपस्थित थे।
समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण फैसले-
मंत्री टेकाम ने बैगा बाल महोत्सव सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के नई सरकार राज्य में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों की संस्कृति और उनके सरंक्षण व संवर्धन के साथ-साथ समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए गई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पांच विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, अबूझमाडिय़ा, कमार, पहाड़ी कोरवा और बिरहोर निवासरत हैं। इन सभी विशेष पिछड़ी जनजातियों, बैगा के विकास के लिए विशेष अभिकरण का गठन किया गया है।