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प्रदेश में पहले सियासत अब कोरोना में उलझ गई 900 गांव की नर्मदा जल योजना

जबलपुर। जल निगम की नर्मदा जल पहुंचाने की योजना पर सियासत हावी है। कांग्रेस सरकार में गांव तक पानी पहुंचाने की योजना पर अमल हुआ। कांग्रेस विधायक ने बरगी विधानसभा क्षेत्र के 137 गांव में नर्मदा जल पहुंचाने के लिए सर्वे करवाया लेकिन सत्ता बदली तो योजना में भी फेरबदल हुआ।

सर्वे का काम रुक गया और करीब 900 गांव जोड़ दिए गए। अब कोरोना संक्रमण में योजना कागजों में आई लेकिन जमीनी सर्वे शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में अभी तक विस्तृत कार्य योजना तक नहीं तैयार हो पाई है। माना जा रहा है कि अगले तीन—चार साल और लोगों को नर्मदा जल के लिए इंतजार करना होगा।

क्या है मामला: बरगी विधायक संजय यादव का दावा है कि कमलनाथ सरकार में उन्होंने बरगी के चरगवां, शहपुरा, बेलखेड़ा, सहजपुर पंचायत के 137 गांव में पायली नल जल योजना को जुड़वाया।

योजना पर मंजूरी मिली और सर्वे के लिए निविदा भी जारी हुई। साल 2020 में करीब चार करोड़ रुपये की निविदा हुई। इस बीच भाजपा सरकार सत्ता में आ गई तो योजना का काम रुक गया।

पाटन विधायक अजय विश्नोई ने इस योजना में अपनी विधानसभा के गांव जुड़वाए जिस वजह देरी हुई। उनके अनुसार अभी सर्वे नहीं हुआ है इधर कोरोना के कारण कब योजना की कार्ययोजना तैयार होगी और कब बजट आवंटन होगा इस बारे में कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है।

पिछले दिनों अजय विश्नोई ने एक प्रेसवार्ता में दावा किया था कि नर्मदा नल जल योजना का कार्य अंतिम चरण में है।

कोरोना के कारण देरी: जल निगम के सहायक अभियंता संजय बाधवा के अनुसार प्रारंभिक सर्वे का काम होना है जिसके आधार पर विस्तृत कार्य योजना तैयार होगी।

तभी प्रस्ताव की लागत का आंकलन कर शासन को बजट आवंटन के लिए आवेदन भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शासन से आवंटन पर मंजूरी के पश्चात ही काम प्रारंभ होगा।

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