क्राइमछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन क्या तोड़ा पुलिस ने श्रमिक का हाथ ही तोड़ दिया

गौरेला पेंड्रा मरवाही। जिले में 14 अप्रैल से जिला प्रशासन ने पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कंटेनमेंट जोन के नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस सड़कों एवं चौक चौराहों पर तैनात है। पुलिस नियम तोड़ने वालों पर चालानी कार्यवाही के अलावा उठक-बैठक और मुर्गा भी बना रही है|

लेकिन कोटमी चौकी इलाके में पुलिस ने कंटेनमेंट जोन के नियमों का पालन कराने के लिए डंडे का सहारा ले रही है| पुलिस पिटाई में एक युवक के हाथ में फ्रेक्चर की बात भी सामने आई है|

मिली जानकारी के अनुसार कोटमी चौकी प्रभारी योगेश अग्रवाल अपने दल बल के साथ सड़क पर उतरे| दो अलग-अलग मामलों में चौकी प्रभारी ने मज़दूरों की बर्बरता से पिटाई की। पीड़ितों के शरीर पर निशान बन गए हैं। वहीं एक मजदूर का हाथ फ्रेक्चर होने की खबर है।

कोटमी निवासी पीड़ित जय सिंह और फूल सिंह ने बताया कि जब वह रोजी मजदूरी कर घर वापस जा रहे थे, तभी कोटमी दरोगा अपने दल बल के साथ बस स्टैंड पर हमें रोक लिया और गाड़ी की चाबी ले ली। इसके बाद दरोगा ने डंडों से ताबड़तोड़ पीटना शुरू कर दिया।

शरीर पर डंडों के निशान हैं तो एक हाथ फ्रेक्चर हो गया है। मजदूरों का कहना है कि ग्रामीण अंचल में रहने के कारण उन्हें लॉकडाउन की जानकारी नहीं थी। पुलिस शुरुआती दिनों में हमें चेतावनी भी दे सकती थी, लेकिन पुलिस बेवजह घूमते हो कह कर पीटने लग गई।

मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिभा पाण्डेय ने तोपचंद को बताया कि बुधवार को कोटमी चौकी क्षेत्र से इस घटना की जानकारी मिली, लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने एसडीओपी को जांच के लिए आदेश दिया है| हमने कोटनी के सरपंच और जनप्रतिनिधि से इस बारे में बात की है। उनका कहना है ऐसी घटना नहीं हुई है| मैं कल कोटनी जाऊंगी|

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