राजधानी में रेमडेसिविर इंजेक्शन व जीवन रक्षक दवा खरीदने का कलेक्टरों को मिला अधिकार
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवेदनशील पहल करते हुए कलेक्टरों को तात्कालिक आवश्यकतानुसार रेमडेसिविर और अन्य आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयों की खरीदी की अनुमति प्रदान कर दी है।
उन्होंने बालोद और मुंगेली में आरटीपीसीआर टेस्टिंग लैब की स्थापना की भी स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रदेश के 11 जिलों में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति और उससे नियंत्रण के उपायों की समीक्षा के दौरान यह स्वीकृतियां प्रदान की।
मुख्यमंत्री बघेल ने समीक्षा करते हुए कहा कि हमें बिना थके, बिना रूके कोरोना से लड़ाई जीतना है। सबके सहयोग और टीम भावना के साथ व्यवस्थित रूप से काम करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को जल्द से जल्द उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञों के माध्यम से आवश्यक दवाइयों का किट तैयार करे और मितानिनों के माध्यम से इस किट के वितरण करने की व्यवस्था की जाए।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों का फालोअप किया जा रहा है। कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ, सीईओ और संभव हो तो जनप्रतिनिधि प्रतिदिन 10-10 मरीजों से टेलीफोन पर संपर्क कर उनकी स्थिति की जानकारी लेकर उनके उपचार में सहायता करें।
महत्वपूर्ण फैसले और निर्देश
– ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना लक्षण वाले मरीजों को मितानिनों के माध्यम से वितरित किए जाएंगे आवश्यक दवाइयों के किट
– स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञों के माध्यम से तैयार कराएगा दवाइयों का किट
– मुख्यमंत्री ने दी बालोद और मुंगेली में आरटीपीसीआर टेस्टिंग लैब की मंजूरी
– कोविड मरीजों के घरों में पोस्टर की जगह स्टेंसिल पेंट कर प्रदर्शित की जाएगी सूचना
– जिलों में पाजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत से नीचे लाने का किया जाए प्रयास
– ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारंटाइन व आइसोलेशन सेंटर की अलग-अलग की जाएगी व्यवस्था
– रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अंतरराज्यीय सीमाओं पर कड़ाई से की जाए टेस्टिंग
सख्ती, लेकिन जनता को न हो परेशानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर यह भी ध्यान रखें कि लाकडाउन के दौरान आम जनता को कोई परेशानी न हो और अनावश्यक रूप से आवाजाही करने वालों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप जरूरतमंदों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध कराया जाए। सीएम ने बाहर से आने वाले लोगों की रेलवे स्टेशनों, बस स्टैड और अंतरराज्यीय सीमाओं के खासकर एंट्री प्वाइंट पर ही कड़ाई से टेस्टिंग सुनिश्चित की जाए ताकि बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति टेस्टिंग से न छूटे।
संक्रमितों के घर के बाहर पोस्टर के बदले स्टेंसिल पेंट
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमित मरीजों के घरों में पोस्टर की जगह स्टेंसिल पेंट कर सूचना प्रदर्शित की जाए। उन्होंने कहा कि घरों में लगाए जाने वाले पोस्टर अक्सर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। घर में प्रदर्शित की जाने वाली सूचना का संदेश सकारात्मक हो व प्रेरणादायी नारों से युक्त हो। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग संदेश का प्रारूप डिजाइन कर उपलब्ध कराएं।
इन जिलों की हुई समीक्षा
मुख्यमंत्री ने महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, कबीरधाम, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा- मरवाही, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर जिले की समीक्षा की। रविवार को उन्होंने 10 जिलों की समीक्षा की थी।