राज्य के अफसर बने अब मददगार : वैक्सीन के खर्च का बोझ कम करेंगे छत्तीसगढ़ के अधिकारी
रायपुर। राज्य की जनता को कोरोना की वैक्सीन मुफ्त देने से सरकार पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को कम करने के लिए अब राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर आगे आए हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने सोमवार को फैसला लिया कि वे और उनके परिजन कोरोना वैक्सीन मुफ्त में नहीं, बल्कि शुल्क देकर लगवाएंगे। अफसरों के इस फैसले से वैक्सीन को लेकर सरकार का बोझ कुछ हद तक कम होगा।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले से सरकार को पैसा बचाने में मदद मिलेगी। संघ में साढ़े चार सौ के करी सदस्य हैं और अगर उनके परिवारों में सदस्यों की संख्या देखी जाए तो वह 15 सौ के आसपास होती है।
सरकार के लिए राज्य के सभी 18 साल से ऊपर के लोगों को मुफ्त वैक्सीन देना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसमें सबसे बड़ी समस्या धनराशि को लेकर आ रही है। इसके पहले कांग्रेस विधायकों ने भी एक बैठक करके विधायक निधि को कोरोना के नि:शुल्क टीकाकरण के लिए देने का फैसला लिया था।
विधायकों ने 2021-22 की विधायक निधि खर्च करने का अधिकार मुख्यमंत्री भूपेश बघ्ोल को सौंप दिया है। ताकि इस राशि का उपयोग मुफ्त वैक्सीनेशन के काम में किया जा सके। कोरोना से लड़ाई में आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश भी दिए थे, लेकिन इसका कुछ कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है।
तोपचंद, रायपुर। राज्य की जनता को कोरोना की वैक्सीन मुफ्त देने से सरकार पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को कम करने के लिए अब राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर आगे आए हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने सोमवार को फैसला लिया कि वे और उनके परिजन कोरोना वैक्सीन मुफ्त में नहीं, बल्कि शुल्क देकर लगवाएंगे। अफसरों के इस फैसले से वैक्सीन को लेकर सरकार का बोझ कुछ हद तक कम होगा।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले से सरकार को पैसा बचाने में मदद मिलेगी। संघ में साढ़े चार सौ के करी सदस्य हैं और अगर उनके परिवारों में सदस्यों की संख्या देखी जाए तो वह 15 सौ के आसपास होती है। सरकार के लिए राज्य के सभी 18 साल से ऊपर के लोगों को मुफ्त वैक्सीन देना किसी चुनौती से कम नहीं है।
इसमें सबसे बड़ी समस्या धनराशि को लेकर आ रही है। इसके पहले कांग्रेस विधायकों ने भी एक बैठक करके विधायक निधि को कोरोना के नि:शुल्क टीकाकरण के लिए देने का फैसला लिया था। विधायकों ने 2021-22 की विधायक निधि खर्च करने का अधिकार मुख्यमंत्री भूपेश बघ्ोल को सौंप दिया है।
ताकि इस राशि का उपयोग मुफ्त वैक्सीनेशन के काम में किया जा सके। कोरोना से लड़ाई में आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश भी दिए थे, लेकिन इसका कुछ कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है।