छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में कैट ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से की कैशलेस चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग

रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से ईएसआईसी की ओर से कैसलेश चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग की है। कैट ने कोरोना मरीजों के सुविधा के लिए यह मांग रखी है।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने पत्र के माध्यम से टीएस सिंहदेव को अवगत कराया कि जैसा की आप भी देख रहे होंगे कि छग में दिन प्रतिदिन कोरोना के केस बढ़ते ही जा रहे हैं, ऐसे में कोरोना के मरीजों और उनके परिवार वालो को राहत देने के लिए हमारा कुछ सुझाव है कि जो भी कर्मचारी जो ईएसआईसी के अंतगर्त अपना इलाज राज्य शासन की ओर से अनुबंधित ईएसआईसी अस्पताल में कराता है तो उसका इलाज पूर्णतः कैशलेस हो। आज राज्य में बहुत से अनुबंधित ईएसआईसी अस्पताल है, जहां जाकर वह अपना इलाज करा सकते हैं। क्योंकि सभी नौकरी पेशा कर्मचारी इस कोरोना काल के चलते अर्थिक तंगी से जुझ रहे हैं। इसके चलते इनके पास पर्याप्त धनराशि नहीं है।

हमें लोगों की ओर से जानकारी मिल रही है कि कोविड के प्रकरण में अनुबंधित हाॅस्पिटलों में कैशलेस की सुविधा नहीं दी जा रही हैं। इससे की कोरोना पेशेंट और उनके परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्पिटलों में भर्ती होने वाले कोरोना के पेशेंट अधिकतर मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा है, जिनके पास हॉस्पिटल के बिल के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं होती है।

ऐसे में कर्मचारी और उनके परिवार कैशलेस सुविधा को देखते हुए ईएसआईसी का लाभ लेना चाहते हैं, जो की अनुबंधित अस्पतालों की ओर से इस कोरोना काल में कोरोना मरीजों का कैशलेस इलाज नहीं कर रहे हैं। कैट सीजी चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने कहा कि आज राज्य में बहुत से अस्पताल है जो कि ईएसआईसी से अनुबंधित अस्पताल है, जिसकी सूची स्वंय ईएसआईसी की ओर से जारी की गई है। लेकिन आज भी बहुत से अनुबंधित अस्पतालों में कैसलेस की सुविधा नहीं दी जा रही है।

इसके कारण कर्मचारीयों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पारवानी ने मंत्री सिंहदेव से अनुरोध करते हुए कहा कि सभी अनुबंधित अस्पतालों को ईएसआईसी के अंतगर्त आने वाले कोरोना कर्मचारियों और उनके परिवार परिवार वालों का कैशलेस इलाज के लिए निर्देशित करें कि वह इसका कड़ाई से पालन करें। ताकि इस महामारी में कर्मचारी और उनके परिजनों को ईलाज में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े।

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