छूट मिलते ही सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां, बैंको में उमड़ी भीड़
रायपुर। आपदा से लोग भयभीत भी हैं, लेकिन मजबूरी है कि अपनी पारी के इंतजार में खड़े होना पड़ा रहा है। यह नजारा जिला मुख्यालय स्थित सहकारी केंद्रीय बैंक की। बच्चे से लेकर बूढ़े तक सबको पता कि कोरोना घातक बीमारी है, जिससे अनेक लोगों की जान भी चली गई है। गरियाबंद जिले में भी इस बीमारी से मौतें हुई है। अनेक लोग इससे जूझते हुए मौत के मुंह से बाहर आए हैं।कई लोग अभी भी हॉस्पिटल एवं होम आइसोलेशन में है, जो अपना इलाज करा रहे हैं। जिले में पिछले डेढ़ माह तक लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में ही थे। लॉकडाउन में शिथिल किया गया तो लोग घरों से बाहर निकलना शुरू किए, जरूरी संस्थाएं खुली। जिसमें जीवन जीने के लिए सबसे अहम चीज होती है, रुपए की, इसके लिए ग्रामीण बैंक में अपनी जमा पूंजी निकालने के लिए इन दिनों मजबूरीवश बैंक के बाहर खड़े नजर दिखें।मिली जानकारी के मुताबिक दो मद की राशि किसानों के खाते में जमा हुई है। जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि शामिल है। इस राशि को निकालने के लिए किसान गुरुवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पहुंचे हुए थे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में किसानों के दोपहिया वाहन भी बैंकों के बाहर खड़े दिखे।
लॉकडाउन में छूट मिलते ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती देखी गई। बाजार के साथ बैंक, कॉलेज सहित जगह-जगह शारीरिक दूरी के नियम हवा हो गई। लोगों की लापरवाही कहीं एक बार फिर भारी न पड़ जाए। कोरोना की दूसरी लहर ने पहले से भी ज्यादा लोगों को प्रभावित की है। वहीं मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है। प्रतिबंधों में ढील मिलते ही लोग बेपरवाह हो गए हैं। हालांकि संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, लेकिन बीमारी अभी भी है, इसलिए लोगों को सतर्कता के साथ-साथ सावधानियां भी बरतनी ज्यादा जरूरी है।