क्या बेमेतरा के भाजपा पार्षदों की तरह तिल्दा के पार्षदों पर भी होगी कार्यवाही
तिल्दा नेवरा। बेमेतरा में भाजपा पार्षदों के निष्कासित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस बड़ी कार्यवाही से तिल्दा नेवरा के भाजपा पार्षद सहित जिला एवं प्रदेश एवं मंडल के पदाधिकारियों में खलबली मची हुई है, जिस तरह बेमेतरा नगर पालिका में भारतीय जनता पार्टी 21 पार्षदों में 12 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के कमल फूल से चुनाव जीत कर आये थे, लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 6 पार्षदों ने कांग्रेस के पंजा छाप पर वोट देकर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया, डेढ़ वर्ष बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश इकाई ने बड़ी कार्यवाही करते हुए बेमेतरा के 6 पार्षदों को जिसमे की उपाध्यक्ष भी शामिल है ,इन सभी को भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया, उसी तरह तिल्दा नेवरा नगर पालिका में भी भारतीय जनता पार्टी के 22 में से 13 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के कमल फूल छाप से जीत कर आए थे, लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में स्थानीय पदाधिकारी की बड़ी भूमिका के चलते व संगठन के कुछ लोगों ने मिलकर भारतीय जनता पार्टी के 6 पार्षदों ने जिला संगठन व सांसद सुनील सोनी के निर्देश की अवहेलना कर , अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की उम्मीदवार श्रीमती लेमिक्षा गुरु को नगर पालिका अध्यक्ष के लिए वोट दिया तथा भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को वोट न देकर के पार्टी के साथ विश्वासघात किया , अब जबकी आज बेमेतरा में कार्यवाही होने से संगठन और तिल्दा नगर पालिका के पार्षदों में खलबली मची हुई है ,जो कार्यवाही बेमेतरा में हुई वही कार्यवाही तिल्दा नगर पालिका में भी होने की संभावना है इसे अपने बचाव में संगठन के पदाधिकारी और गद्दारी करने वाले पार्षद एक होकर संगठन प्रदेश को तरह-तरह के तर्क दे रहे हैं, और हार का कारण बता रहे हैं ,ज्ञात रहे कि तिल्दा नगर पालिका में तीन बार के पार्षद रहे अनिल शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती कृष्णा शर्मा को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अध्यक्ष पद हुते प्रेक्षक श्री लोकेश कावड़िया ने पार्षदों के राय से एवं संगठन के राय से स्वर सम्मति से अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया था, ज्ञात रहे कि नगर पालिका चुनाव में हार के बाद प्रदेश के संगठन जिला के साथ संगठन अनुशासन कार्यवाही करने की बात कही थी लेकिन कार्यवाही नहीं होने के कारण भारतीय जनता पार्टी से गद्दारी करने वाले पार्षदों के हौसले बुलंद थे और पार्टी संगठन में भी अपना दबदबा कायम रखे हुए थे जो लोगों ने नगरपालिका में क्रास वोटिंग कराई वही लोग आज मंडल और जिला के पदाधिकारी बनकर भारतीय जनता पार्टी के सबसे वफादार और इमानदार और पार्टी के प्रति समर्पित बता कर तिल्दा नगर पालिका में जनता को और पार्टी को धोखा दे रहे हैं तिल्दा नेवरा नगर पालिका की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को बहुमत देकर नगर पालिका में 13 पार्षद चुनकर भेजे थे लेकिन कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद जनता ने अपने आप को ठगा महसूस किया और भारतीय जनता पार्टी के लोगों से उनकी उम्मीदें टूट गई , इसी कारण है कि आज तिल्दा नेवरा नगर पालिका क्षेत्रों में जहां 2 महीने से आम जनता इस भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए तरस रही है और नलो में पिछले दो महीनों से पानी नही आ रहा है ,वहीं भारतीय जनता पार्टी के पार्षद विरोध करने के बजाए कांग्रेस के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं, ज्ञात रहे कि तिल्दा नगरपालिका के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से गद्दारी करने पर कार्यवाही नहीं होने के कारण इसका सीधा असर प्रदेश के चुनाव में भी पड़ा है जहां जिला पंचायत के चुनाव में रायपुर जिला पंचायत में भारतीय जनता पार्टी के बहुमत होने के बाद भी अध्यक्ष का चुनाव भारतीय जनता पार्टी हार गई जिसका प्रमुख कारण है तिल्दा क्षेत्र के एक कद्दावर नेता को भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया जिला पंचायत में उक्त नेता ने 2 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के लिए जी जान लगाकर कार्य कर रहे थे और इसी का परिणाम था प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होते हुए भी तिल्दा नेवरा नगरपालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला था, क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में जिला पंचायत सभापति व किसान नेता राजू शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर प्रदेश में पहली बार ऐतिहासिक रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल किया था , कांग्रेस , भाजपा और सभी प्रत्याशियों की जमानत जप्त करा कर प्रदेश में सर्वाधिक मतों से जीतने वाला पहला , लेकिन जिला पंचायत चुनाव में भी इनके ऐतिहासिक विजय की भारतीय जनता पार्टी के कुछ स्वार्थी पदाधिकारीयो के चलते इनकी अनदेखी की गई, परिणामस्वरूप, इनके जिला पंचायत के चुनाव में कांग्रेस का साथ जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी का रायपुर जिला पंचायत में अध्यक्ष भी नहीं बन पाया
मामला ऐसा है कि नगर पालिका तिल्दा नेवरा में भाजपा का स्पष्ट बहुमत था चुनाव में 22 पार्षदों में 13 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के 5 पार्षद कांग्रेश के दो पार्षद निर्दलीय दो पार्षद जोगी कांग्रेस चुन कर आये थे, जहां कांग्रेस ने अपना अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती लेमिक्षा गुरु को और भारतीय जनता पार्टी ने श्रीमती कृष्णा अनिल शर्मा को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया क्योंकि कांग्रेस पालिका में अल्पमत में थी ,जब अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से छह मत ज्यादा मिले कांग्रेस ने 16 मत प्राप्त किए भाजपा के बाद बहुमत होने के बाद भी करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा के विकास सुखवानी 13 मत प्राप्त करके भाजपा का उपाध्यक्ष बन गया, पर यही अध्यक्ष पद पर भाजपा की हार की वजह थी भाजपा पार्षदों के द्वारा क्रास वोटिंग करना, लेकिन क्रास वोटिंग करने वाले भाजपा पार्षदों के नामों का खुलासा होने के बाद भी चुनाव प्रेक्षक द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद भी कारवाही नहीं होने का एक बड़ा वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के एक कद्दावर नेता व पूर्व विधायक रिस्तेदार जो कि मंडल का पदाधिकारी भी है ,उसी की बनाई गई योजना से यहां के भाजपा पार्षदों ने क्रास वोटिंग किए हैं , और क्रास वोटिंग करने वाले पार्षदों को उसका साथ उनका वरदान प्राप्त है, और बागी पार्षद पूरी तरह से बेफिक्र है कि हमे तो ऊपर से वरदान प्राप्त है हमारा कोई कुछ नही कर सकता , लेकिन बेमेतरा की इस कार्यवाही से वे भी सकते में है, और इसी पदाधिकारी के चलते पूरे क्षेत्र में भरतीय जनता पार्टी का जनाधार नगण्य है, इस पूरे मामले पर जब भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती कृष्णा अनिल शर्मा से बात की तब उन्होंने बेमेतरा की इस कार्यवाही का स्वागत किया है और कहा है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही हो सकता, भारतीय जनता पार्टी में देर है अंधेर नही, देर सबेर तिल्दा नेवरा में भी इस तरह की कार्यवाही होगी और जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को उनका खोया सम्मान वापस मिलेगा।