बिलासपुर में अब टाइगर रिजर्व से विस्थापित परिवारों को 10 नहीं मिलेंगे 15-15 लाख
बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व के अंदर (कोर जोन में) बसे गांवों के विस्थापन पर एक परिवार को 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने विस्थापन की राशि पांच लाख बढ़ा दी है। पूर्व में 10 लाख रुपये निर्धारित किया गया था।
इसे देखते हुए टाइगर रिजर्व प्रबंधन अब दोबारा प्रस्तावित तीन गांव का इस्टीमेट बनाकर प्राधिकरण को भेजेगा। गांव का नाम, परिवार की संख्या समेत जहां विस्थापन किया जाना है, उसकी जानकारी प्रस्ताव बनाकर पहले ही भेजा जा चुका है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व से 19 गांवों का विस्थापन होना है। ये सभी कोर जोन में बसे हुए हैं। हालांकि पहले 25 गांव हुआ करते थे। उनमें छह गांव विस्थापित किए जा चुके हैं। सभी विस्थापन के दूसरे विकल्प के तहत हटे हैं। इन्हें जहां बसाया गया है, वहां मकान, बिजली, पानी के अलावा खेत बनाकर दिया गया है।
पहले विकल्प में सीधे रकम लेकर टाइगर रिजर्व से हटना है। सभी 19 गांव हटना चाह रहे हैं। इसके लिए पूर्व में सहमति भी दी जा चुकी है, लेकिन विभागीय अड़चनों के कारण अब तक दोबारा विस्थापन नहीं हो सका।
अब तीन गांव तिलईडबरा, बिरारपानी और छिरहट्टा को विस्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है। प्रक्रिया लंबित ही थी इसी बीच प्राधिकरण ने विस्थापन के बदले 15 लाख रुपये देने निर्णय लिया है। यह ग्रामीणों के लिए बड़ी सौगात है। प्राधिकरण ने तीनों गांव को दोबारा 15 लाख के हिसाब से इस्टीमेट बनाकर भेजने के निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि एटीआर में बसे ग्रामीणों के लिए प्रशासन और वन विभाग ने
तीनों गांवों को मिलाकर 133 परिवार, 22 लेना चाहते हैं नकद
दूसरे चरण में जिन तीन गांवों का विस्थापन होना है, वहां 133 परिवार हैं। सभी विस्थापित होने को राजी हैं। इनमें से 22 परिवार ने नकद लेकर हटने का विकल्प चुना है।
बचे 111 परिवार मकान, खेत व अन्य सुविधाएं चाहते हैं। हालांकि इसमें टाइगर रिजर्व प्रबंधन को कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि उनका मुख्य उद्देश्य गांवों को विस्थापित करना है। चाहे परिवार दोनों में से किसी भी विकल्प का चयन करें।
19 गांव जिनका होना है विस्थापन
अचानकमार टाइगर रिजर्व में जिन 19 गांवों का विस्थापन होना है। उनमें कोर जोन अंतर्गत तिलईडबरा, बिरारपानी, छिरहट्टा, अचानकमार, बिंदावल, सारसडोल, छपरवा, लमनी, अतरियाखार, रंजकी, सुरही, अतरिया, बम्हनी, कटामी, जांकडबांधा, निवासखार, महामाई, डंगनिया और राजक व बफर जोन में जमुनाही, बोईरहा, पटपरहा, चकदा, सिवलखार आदि शामिल हैं।
टाइगर रिजर्व से 19 गांव का विस्थापन होना है। पहले चरण में छह गांव विस्थापित हो चुके हैं। दूसरे चरण में तीन गांव विस्थापित किए जाएंगे। इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है। हालांकि जिस समय इसे भेजा गया, तब 10 लाख रुपये देने का प्रावधान था। अब इसे बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है। इसलिए दोबारा इस्टीमेट बनाकर प्राधिकरण को भेजा जाएगा। राशि स्वीकृत होत हुए विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।