छत्तीसगढ़

प्रदेश में टूलकिट मामला पहुंचा हाईकोर्ट, FIR निरस्त करने डॉ. रमन और संबित ने लगाई याचिका

रायपुर। टूलकिट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और संबित पात्रा ने अपने खिलाफ सिविल लाइन थाने में दर्ज एफआईआर रद्द करने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है।

पुलिस ने पूछताछ के लिए नोटिस जारी की थी –
इस मामले (टूलकिट) में पिछले दिनों पुलिस ने डॉ रमन सिंह से उनके घर में घंटों पूछताछ की है. बता दें कि इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ भी सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज है और पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भी जारी की थी, लेकिन उन्होंने पुलिस से समय मांगा और उन्होंने भी कोर्ट में एफआईआर निरस्त करने याचिका दाखिल की है।

कांग्रेस ने टूलकिट मामले को लेकर शिकायत दर्ज की थी
बता दें कि पिछले दिनों यूथ कांग्रेस ने टूलकिट मामले को लेकर डॉ रमन सिंह और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. यूथ कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा बेवजह टूलकिट मामले में कांग्रेस को घसीट रही है।

किया था थाने का घेराव-
कुछ दिनों पूर्व ही सिविल लाइन थाने के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने धरना दिया था. धरना स्थल पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स भी लगाए गए थे, जिसपर लिखा था कि टूलकिट बनाकर देश के खिलाफ साजिश रचने वाली और भाजपा नेताओं पर झूठे मुकदमे करने वाली, लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की हत्या करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ यह धरना है।

क्या है भाजपा का आरोप-
भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना संकट के वक्त एक ‘टूलकिट’ के जरिए प्रधानमंत्री मोदी की छवि बदनाम करने का आरोप लगाया है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस कोरोना महामारी के दौरान पीएम की छवि धूमिल करना चाहती है. वहीं कांग्रेस ने ऐसी किसी भी टूलकिट से इनकार किया है. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा इस तरह के मामले को उठाकर कोरोना के दौरान सरकार द्वारा की जा रही लापरवाही को छुपाना चाहती है. कांग्रेस रिसर्च विंग के प्रमुख राजीव गौड़ा ने कहा कि AICC रिसर्च डिपार्टमेंट का बताकर BJP फर्जी टूलकिट प्रचारित कर रही है।

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