छत्तीसगढ़ में डेंगू मरीजों की जानकारी छिपाई तो निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
रायपुर। डेंगू के मरीजों की जानकारी छिपाने पर निजी अस्पतालों पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी अस्पतालों को पत्र लिखा है। वहीं, डेंगू संदेहियों की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट की जगह एलिसा टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डाक्टर विमल किशोर राय ने बताया कि रैपिड डायग्नोस्टिक किट में अधिकांश फाल्स रिपोर्ट आते हैं। इसलिए डेंगू के संदेह पर एलिसा टेस्ट कराना जरूरी है।
हार्मोंस या रसायनों के स्तर को मापने के लिए एंटीबाडी आधारित जांच तकनीक है। जो सही रिपोर्ट देता है। निजी अस्पतालों में मरीज आने पर सैंपल रिपोर्ट आंबेडकर अस्पताल भेजने की बात कही गई है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा डेंगू नियंत्रण को लेकर रेडक्रास के सभागार में बैठक हुई है।
इसमें सीएमएचओ डाक्टर मीरा बघेल ने बताया कि जिले के शहरी क्षेत्र बिरगांव और नगर निगम क्षेत्र रायपुर में नियमित रूप से हर रविवार डेंगू पर वार नाम से कार्यक्रम शुरू हो चुका है। इसमें प्रत्येक रविवार स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में डेंगू के केस ज्यादा मिले हैं। उन क्षेत्रों में विभाग विशेष निगरानी कर रहा है।
10 मिनट समय दें और डेंगू से रहें दूर
अभियान में शामिल होने को कहा है। इसमें घर में रखे गमले की ट्रे, कूलर, फ्रीज, पानी की टंकी को खाली कर सुखाने के बाद उपयोग करने की बात कही गई है। ताकि मच्छर के अंडे, लार्वा को नष्ट किया जा सके। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए पुराने टायर, मटके, कबाड़ आदि में बरसात का पानी एकत्र ना होने दें। जिससे बीमारियों का बचाव हो सके।