छत्तीसगढ़

जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही छत्तीसगढ़ सरकार : डॉ. रमन सिंह

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए खाद को लेकर उठाया सवाल कहा छत्तीसगढ़ सरकार जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है, केंद्र सरकार की डाटा को आप देखेंगे तो समझ आ जाएगी जी आखिर कैसे यहां सरकार खाद की जमाखोरी कर कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है केंद्र सरकार की डाटा में साफ है कि राज्य में 2 जुलाई 2021 तक यूरिया का क्लोजिंग स्टॉक 1.69 लाख मैट्रिक टन डीएपी का क्लोजिंग स्टॉक 0.76 लाख मेट्रिक टन है एम ओ पी का क्लोजिंग स्टॉक 0.46 लाख मीट्रिक टन है और एनपीके एस क्लोजिंग स्टॉक 0.57 लाख मीट्रिक टन है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह प्रदेश सरकार को घेरते हुए यह भी कहा कि जब क्लोजिंग स्टॉक में खाद है तो फिर उसकी कमी क्यों बताई जा रही है राज्य सरकार की अव्यवस्थाओं के कारण पर्याप्त खाद होने के बाद भी किसानों को नहीं मिल रहा है यह तो राज्य का फेल्योर है इसमें केंद्र कैसे जिम्मेदार हो गया सरकार कहीं सरकारी खाद को दबाकर प्राइवेट समितियों से चैटिंग कर उन्हें मोटे कमीशन के लिए मुनाफाखोरी के मौके तो नहीं दे रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सिर्फ किसानों के हित में सभी राज्य को खरीफ सीजन 2021 के लिए उनकी मांग के अनुरूप बिना भेदभाव किए पर्याप्त मात्रा में यूरिया डीएपी और अन्य एंड उर्वरक भेजे हैं लेकिन दुर्भावना बस राज्य की भूपेश बघेल सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर मिथ्या आरोप लगा रही है केंद्र ने न केवल राज्यों की मांग के अनुरूप खाद की आपूर्ति की है अभी तो किसानों के साथ उचित मूल्य पर खाद मिले इसके लिए उस पर सब्सिडी भी बढ़ाई है केंद्र सरकार ने किसानों की परेशानी कम करने के लिए उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 7 से 70% की भारी उछाल आने से जब उनकी घरेलू कीमतों पर दबाव पड़ रहा था उस समय उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी अप्रैल महीने में ₹900 प्रति बोरी की बढ़ी हुई एमआरपी पर बेचे जाने की खबरें थी तब केंद्र सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को सस्ता खाद्यान्न कराया है

रमन सिंह ने कहा डीएपी के लिए सब्सिडी दाल ₹511 प्रति बोरी से बढ़ाकर 12 से ₹11 प्रति बोरी कर दी गई है यानी प्रति बोरी ₹700 की वृद्धि की गई है इससे यह सुनिश्चित होगा कि डीएपी पिछले वर्ष के 12 ₹100 प्रति बोरी के मूल्य पर किसानों को उपलब्ध होता रहेगा डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी में 40% की बढ़ोतरी की गई है अन्य पि एंड के उर्वरकों की कीमत भी कम होकर पिछले वर्ष की कीमतों के आसपास की जा रही है सरकार खरीफ सीजन में सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त 14775 करोड रुपए का अतिरिक्त खर्च कर रही है सरकारी समितियों में 2 बोरी वर्मी खाद खरीदने की शर्त पर किसानों को यूरिया की व डीएपी खाद देने की बात किसानों के साथ धोखा और तानाशाही है।

अब अचानक सीएम भूपेश बघेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डेढ़ लाख मैट्रिक टन यूरिया और डेढ़ लाख मैट्रिक टन डीएपी खाद की मांग कर रहे हैं ! भूपेश सरकार को उत्तर देना चाहिए कि आखिर केंद्र सरकार द्वारा जब पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति की जा रही है समय से की जा रही है फिर अचानक तीन लाख मैट्रिक टन की याद की आवश्यकता राज्य को क्यों पड़ गई।

हम बता दें कि आज पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए भूपेश सरकार पर सवाल दागे।

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