रायगढ़। सरकारी समिति के चपरासी ने 2 किसानों के अकाउंट से लगभग 8 लाख निकाल लिए। किसानों ने इस बात की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी कि धान विक्रय की जमा राशि को बिना किसी जानकारी के निकाल लिया गया है। किसानों ने बैंक व सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर मिलीभगत आरोप लगाया है। जांच में पता चला की आरोपी सहकारी समिति का चपरासी है। पुलिस ने इसके घर से नगद रकम बरामदा है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम तरकेला निवासी हीरालाल चौधरी (66) ने ATM से 5,45,510 रुपए और ग्राम ननसिया निवासी अश्वनी कुमार पटेल (61) ने 2.5 लाख रुपए निकाले जाने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर मिलीभगत कर धांधली करने का आरोप लगाया।
किसानों ने बताया कि उनका खाता छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित में है। बैंक ने उन्हें पासबुक दिया, लेकिन डेबिट कार्ड नहीं दिया था। इन्ही खाते में वो हर साल धान विक्रय की राशि जमा होती है। एक दिन उन्हें पता चला कि उनके खाते से पैसे गायब है।दोनों किसानों ने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर किसी तरह का कोई मैसेज नहीं आया और न ही कोई OTP ही आया। और खाते से खाते से ATM के जरिए कुल 7,95,510 रुपए निकाले गए है।
पुलिस ने बैंक कर्मचारियों और CCTV फुटेज की जांच की तो चपरासी धनीराम पटेल की गतिविधि संदिग्ध लगी। चपरासी से कड़ाई से पूछताछ करने से अपना गुनाह कबूल कर लिया इसने बताया कि 2009 से वह समिति में संविदा पर है। खाताधारकों को डेबिट कार्ड देने, रजिस्टर में नाम दर्ज कर कार्ड एक्टिवेट करना वह जानता है। इसी का फायदा उठाकर किसानों के एटीएम कार्ड से अलग-अलग किस्तों में पैसे निकाल लिए।
पुलिस ने बताया कि रुपए निकालने के दौरान किसानों के मोबाइल पर ट्रांजैक्शन का मैसेज नहीं आने से आरोपी चपरासी का हौसला बुलंद हो गया था। पुलिस ने छानबीन में पाया कि चपरासी धनीराम की गतिविधि संदिग्ध है और कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया उसके घर से नकद रकम और बाइक बरामद की गई है