आखिरी सावन सोमवार: पर जानिए, इस दिन का महत्त्व और ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न
रायपुर। सावन का आज आखिरी सोमवार है। सावन के सोमवार का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। आज सुबह से ही भक्त शिव मंदिरों में उमड़ रहे हैं। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्तों के द्वारा सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है।
जानें क्या है सावन सोमवार व्रत का महत्व
धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने सावन माह में कठोर व्रत रखे और तपस्या की। इस वजह से ऐसा माना जाता है ये महीना भगवान को अति प्रिय है। कहते हैं कि जो भक्त इस महीने में रुद्राभिषेक करते हैं, उनकी सभी तकलीफें और परेशानियों को महादेव खत्म कर देते हैं।
मान्यता है कि यदि कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहे उपयुक्त जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। कुल 16 सोमवार के व्रत रखने होते हैं। इसके अलावा यदि अविवाहित पुरुष भी यह व्रत करें तो उनके विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है। भगवान शिव बेहद क्रोध वाले देवता माने जाते हैं लेकिन इसके साथ ही उन्हें सबसे जल्दी प्रसन्न और कृपा होने वाला देवता भी माने जाते हैं। सावन सोमवार पर शिव चालीसा का पाठ करने का बहुत महत्व होता है। शिव चालीसा के शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न
सावन में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सावन के सोमवार पर भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती और गणेश भगवान की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। भगवान शंकर को कनेर, बेला और चमेली का फूल बहुत प्रिय है। सावन के महीने में शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।