छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना- लाभ लेने पोर्टल के माध्यम से कराया जा सकता है पंजीयन
रायपुर । वृक्षारोपण के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करते हुए उनके आर्थिक-सामाजिक स्तर में सुधार करने तथा वृक्षारोपण को बढ़ावा के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना 1 जून 2021 से लागू है।
यह भी उल्लेखनीय है कि वृक्षारोपण से पर्यावरण में सुधार के साथ बाढ़, अनावृष्टि आदि को नियंत्रित करने एवं भूमि के जलस्तर बढ़ाने में मदद मिलती है।
योजना के लाभ लेने हेतु किसानों द्वारा आवेदन किया जा सकता है। राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां भी इस योजना के लिए पात्र हैं।
जिला वनमण्डलाधिकारी रायपुर श्री विशवेश कुमार ने बताया कि जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत धान का विक्रय करने के लिये विधिवत् पंजीयन कराया हो तथा धान का विक्रय किया हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वर्ष 2021-22 तथा आगामी वर्षों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें 3 वर्षों तक 10 हजार रूपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
प्रति एकड़ के हिसाब से कम से कम 160 पौधे लगाना होगा। वृक्षारोपण हेतु पंजीकृत संपूर्ण क्षेत्र में धान की बुवाई ना करते हुये योजना के प्रावधान अनुसार वृक्षारोपण किये जाने पर ही किसान प्रोत्साहन राशि पाने हेतु पात्र होगा।
धान की फसल के स्थान पर वृक्षारोपण करने पर किसान शासन की अन्य योजनाओं से लाभ प्राप्त कर सकेगा। किसानों के द्वारा किये गये वृक्षारोपण के साथ इन्टरकापिंग में धान को छोड़कर अन्य फसल ली जा सकेगी।
योजना के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु किसानों को निर्धारित समय अवधि में पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य हैं। अपंजीकृत किसानों को योजना के तहत प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी। धान की खरीफ फसल के बदले वृक्षारोपण करने वाले सभी श्रेणी के किसानों को प्रपत्र में जानकारी, आवश्यक अभिलेख एवं घोषणा पत्र के साथ निर्धारित समय में पंजीयन कराना होगा।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं विहित अधिकारी द्वारा पंजीकृत रकबे का गिरदावरी कर सत्यापन किया जायेगा। निरीक्षण में यह अनिवार्य रुप से देखा जाएगा कि वृक्षारोपण हेतु संपूर्ण पंजीकृत रकबे में वृक्षारोपण किया गया है तथा पंजीकृत रकबे में आंशिक रुप से भी धान का रोपण नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में वास्तविक रकबे में वृक्षारोपण अनुसार प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
वृक्षारोपण की उपयुक्त प्रजाति चयन के संबंध में भी उचित परामर्श कृषकों को दिए जाते है। प्रतिवर्ष वृक्षारोपण का विहित माह में निरीक्षण कर प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा। प्रोत्साहन राशि कृषकों के बैंक खाते में डी बी टी के माध्यय से भुगतान किया जावेगा।