राजधानी में यहां गणपति को रोज पांच घंटे पहनाया जाता है 35 लाख का मुकुट
रायपुर। राजधानी के गोल बाजार व्यावसायिक गणेशोत्सव समिति की कई झांकियां पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध रही है। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के नियमों के कारण केवल सादगी से गणेशजी की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की जा रही है, इसके बावजूद दर्शन करने भक्तों का तांता लग रहा है। गोलबाजार समिति की खासियत यह है कि यहां गणेशजी को पांच साल से सोने का मुकुट पहनाया जा रहा है।
इसकी कीमत वर्तमान सोने के भाव के अनुसार लगभग 35 लाख रुपए है। मुकुट में मूंगा, पन्ना, माणिक, मोती भी जड़े हुए हैं। यह मुकुट प्रतिदिन पांच घंटे तक पहनाया जाता है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए समिति के सदस्य सेवा देते हैं।
सीसीटीवी से सुरक्षा
गोलबाजार गणेशोत्सव समिति के प्रमुख सदस्य केदारनाथ गुप्ता बताते हैं कि शाम को 6 बजे आरती के दौरान सोने का मुकुट गणेश प्रतिमा पर पहनाया जाता है। रात 11 बजे के बाद मुकुट को वापस उतार लिया जाता है। आसपास की दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, साथ ही समिति के सदस्य भी सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं।
समिति के गुप्ता बताते हैं कि हर साल गणेश पर्व पर स्थल और झांकी में लाखों रुपए खर्च किया जाता रहा है, ऐसे में पांच साल पहले समिति ने फैसला किया कि एक ऐसा सोने का मुकुट बनवाया जाए जैसा पूरे छत्तीसगढ़ में किसी समिति ने ना बनवाया हो। साथ ही इससे दूसरी समिति वाले भी प्रेरणा लें। समिति के फैसले पर गोलबाजार के व्यापारियों ने भी बढ़चढ़कर सहयोग किया। उक्त राशि से 700 ग्राम का सोने का मुकुट बनाकर उसमें मूंगा, पन्ना, माणिक, मोती भी जड़वाए गए।
बड़े शहरों के गणपति पंडाल से प्रेरणा
जिस तरह मुंबई के लालबाग और पूना के दगड़ू सेठ गणपति मंदिर में लाखों रुपए के मुकुट पहनाए जाते हैं, जिसे देखने हजारों भक्त उमड़ते हैं, उसी से प्रेरणा लेकर गोलबाजार गणेशोत्सव समिति द्वारा मुकुट तैयार करवाया गया।