छत्तीसगढ़ में तेज बारिश से भरे खेत, सब्जी-भाजी खराब
रायपुर। प्रदेश में लगातार चार से पांच दिन हो रही तेज बारिश से नदी-नाले समेत खेत लबालब हो गए हैं। इस समय सबसे ज्यादा नुकसान सब्जी उत्पादकों को हो रहा है। खेतों में पानी भर जाने से सब्जी-भाजी खराब हो गई। राजधानी के भाठागांव, दंतरेगा, जामुल, अमलेश्वर क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान सब्जी की खेती करते हैं।
वहीं, खारुन नदी में बाढ़ आ जाने के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है। भाठागांव के किसान बलीराम सोनकर ने बताया कि तेज बारिश की वजह से खेत में लगी भाजी गलने लगी है तो बरबट्टी के फूल गिर गए हैं। भिंडी के खेतों में पानी भरा हुआ है।
किसान सब्जी के साथ फूलों की खेती भी कर रहे हैं। वहीं लगातार बारिश के वजह इसमें व्यापक असर हुआ है, जहां इस समय गोंदा, गुलाब फूल नहीं खिल पा रहे हैं। जो खिला, वह भी पानी की वजह से सड़ रहा है।
धान की फसल के लिए बारिश लाभदायक
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डा. जीके दास का कहना है कि पिछले दिनों धान की फसल के लिए बारिश की जरूरत थी। उस समय जमीन में नमी होने के कारण धान की फसल को कम नुकसान हुआ है। वहीं अब बारिश और खेतों में पानी होने के कारण धान की फसल तेजी से बढ़ने लगेगा।
खेतों में ज्यादा जलभराव हो गए है वहां पानी निकालने की भी जरूरत है। दूसरी ओर प्रदेश में खरीफ सीजन में सब्जी की खेती कम होती है। बारिश के वजह जरूर सब्जी उत्पादक किसानों को नुकसान हुआ है। वे समय खेतों में तुरंत निकासी की व्यवस्था बनाकर पानी निकले।
उद्यानिकी फसल भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में अब खरीफ सीजन में कृषि फसलों के साथ उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया है। राज्य शासन द्वारा योजना के तहत खरीफ 2021 के लिए किसानों के पंजीयन के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर से बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2021 की गई है।
उप संचालक कृषि नारायण सिंह लावत्रे ने बताया कि खरीफ मौसम में फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को योजना के प्रविधान के तहत प्रति एकड़ के मान से नौ हजार रुपये की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) मिलेगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसानों को पंजीयन कराना जरूरी है।