छत्तीसगढ़ में अब हर बिजली मीटर होगा स्मार्ट
रायपुर। प्रदेश में उद्योगों, व्यापारिक प्रष्ठिानों से लेकर घरों तक बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। यह काम केंद्र सरकार की रिवेंपड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को इस योजना को राज्य में लागू करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अफसरों के अनुसार कृषि पंप कनेक्शन के अतिरिक्त बाकी सभी बिजली मीटर इस योजना के दायरे में आएंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय के साथ इस योजना को राज्य में लागू करने के संबध में विस्तार से चर्चा की। बैठक में बिहार, गुजरात, बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा के ऊर्जा मंत्री और दमन-दीव के प्रशासक भी शामिल हुए। बघेल ने चर्चा के दौरान योजना को सैद्धांतिक सहमति देते हुए अन्य राज्यों के द्वारा बिजली सब्सिडी के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय सीमा दिए जाने की मांग का समर्थन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास में उर्जा विभाग के विशेष सचिव अंकित आनंद भी उपस्थित थे।
यह होगा योजना के तहत
अफसरों ने बताया कि रिवेंपड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत प्रदेश में बिजली की अधोसंरचना को बढ़ाने के साथ ही इनके आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण की कार्रवाई की जाएगी। इस योजना में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की है। इस योजना की अनुमानित लागत 9600 करोड़ रुपये है, जिसे मार्च 2025 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है।
उद्योगों में लगे हैं स्मार्ट मीटर
प्रदेश में 10 किलोवाट से अधिक की भार क्षमता वाले उद्योगों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। बिजली अफसरों के अनुसार स्मार्ट मीटर की मानिटरिंग और रीडिंग के लिए उपभोक्ता के परिसर में जाने की जरूरत नहीं पड़ती। बिजली कंपनी के साफ्टवेयर में आन लाइन ही रीडिंग दर्ज होने के साथ बिजली बिल तैयार हो जाता है। अफसरों के अनुसार इससे बिजली चोरी पर भी लगाम कसेगा।