छत्तीसगढ़ में अब हर जिले में व्यावसायिक शिक्षा के लिए होगा एक स्कूल
रायपुर। स्कूली शिक्षा में अब एक और बदलाव होने जा रहा है। प्रदेश के हर जिले में बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने के लिए एक स्कूल होगा। इसी साल से 15 अक्टूबर से व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत की जाएगी। रोजगारोन्मुखी कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा देकर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारियों को मरम्मत योग्य शाला भवनों एवं भवन विहीन स्कूलों की सूची और उनका प्लान तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए।
पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर होगा विशेष फोकस
कोरोनाकाल में पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्कूलों में बच्चों को पढ़ने-लिखने का अभ्यास कराया जाएगा। मंत्री डा. टेकाम ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करें। अध्ययन-अध्यापन की स्थिति का मूल्यांकन करें और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास करें। ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पठन अभ्यास प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी। जिला स्तर पर यहां प्रतियोगिता दो अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। इसके लिए स्कूल स्तर, संकुल स्तर, ब्लाक स्तर और जिला स्तर पर पठन अभ्यास प्रतियोगिता आयोजित की जानी है।
हस्तलिखित मैग्जीन के लिए बच्चों का होगा चयन
उन्होंने कहा कि हर विकासखंड में स्कूली बच्चों की हस्तलिखित मैग्जीन भी बनेगी। इस मैग्जीन में शिक्षक द्वारा पढ़ाये गए विचारों को बच्चे हाथ से लिखेंगे और हर विकासखंड से एक मैग्जीन का चयन किया जाएगा। बच्चों की पढ़ने और लिखने की प्रतियोगिता की जांच उनके माता-पिता से करवाई जाए। विकासखंड स्तर की मैग्जीन का प्रदर्शन 15 अक्टूबर को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मिडिल स्कूलों में विज्ञान, गणित, भाषा और सामाजिक विज्ञान की गतिविधियां कक्षा में प्रयोग कर बच्चों को सिखाई जाएगी