राजधानी में चिटफंड निवेशकों के जमा लाखों आवेदनों पर कार्यवाही को लेकर 30 सितंबर को धरना
रायपुर। फर्जी चिटफंड कंपनियों के निवेशकों से हड़बड़ी में लंबी लंबी लाइने लगवाकर 3 वर्ष में 5वीं बार आवेदन जमा करवाने के बाद इन आवेदनों को सरकारी कार्यालयों में धूल खाने के लिए छोड़ दिया गया है।
कुछ दिन बाद चूहे इन्हें कुतरने लगेंगे। प्रदेश सरकार द्वारा जारी इन बेसिर पैर की कारगुजारियों से आक्रोशित निवेशकों व अभिकर्ताओं ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति के तत्वाधान में गुरुवार 30 सितंबर को बूढ़ातालाब धरना स्थल में प्रदेशव्यापी एक दिवसीय धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
समिति के अध्यक्ष शुभम साहू का कहना है कि जब तत्काल कोई कार्यवाही नही करनी थी तो लंबी लंबी लाइनें लगवाकर निवेशकों को 5 वी बार क्यो परेशान किया गया? छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने पाई पाई लौटाने के बजाए निवेशकों से मजाक किये जाने के इस रवैये के खिलाफ “वादा निभाओ दिवस” मनाए जाने की घोषणा की है।शुभम साहू ने मांग की है कि पांचवी बार जमा आवेदनों पर तत्काल कार्यवाही हो और इसके पहले चार बार जमा करवाये गये आवेदनों का क्या हुआ यह भी बताया जाये।
उल्लेखनीय है कि फर्जी चिटफंड कंपनियों द्वारा किए गए 50000 करोड़ के घोटाले के खिलाफ समिति विगत 10 वर्षों से आंदोलनरत है। वादा निभाओ दिवस के माध्यम से कल प्रदेशभर के निवेशक व अभिकर्ता एक बार पुनः बड़ी संख्या में राजधानी में एकत्र होने के मूड में है।
इस धरना के माध्यम से चिटफंड निवेशकों की पाई पाई लौटने की चुनावी वायदों की याद दिलाई जाएगी। समिति द्वारा मांग की गई है कि अभिकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे तत्काल वापस हो। प्रदेश सरकार निवेशकों की धन वापसी हेतु तत्काल विशेष कोष का गठन करें।
इसके साथ ही निवेशकों को पूरी जमा राशि ब्याज सहित वापस किया जाए। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की 2 लहरों के बाद आम निवेशकों को गम्भीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में निवेशकों का भुगतान जरूरी हो गया है।
छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने यालको निवेशकों को मात्र 20 से 30 प्रतिशत भुगतान किए जाने को जन घोषणापत्र का उल्लंघन बताया है एवं यालको निवेशकों की शेष राशि ब्याज के साथ भुगतान किए जाने की मांग की है।