बलौदाबाजार । समर्थन मूल्य में धान खरीदी में अभी 4 दिन का समय और होने से छोटे किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर बेचने विवश हैं। क्षेत्र में एक पखवाड़े से धान की कटाई जारी है। धान कटाई के बाद किसानों को गेहूं की बोनी, खाद, कीटनाशक व अन्य कार्यों के लिए रुपयों की जरूरत है। साथ ही साथ सरकार की धान खरीदी नीति में बारदाना संकट को देखते हुए किसान असमंजस की स्थिति में है।पिछले वर्ष ग्राम कोसमंदि के 70 किसानों का पंजीयन होने के बावजूद सरकार द्वारा बनी नियमावली के चलते धान नही बिक पाया था।
इस बात को लेकर भी किसानों की नाराजगी देखी जा रही है। इसलिए किसान बिचौलियों व व्यापारियों को मनमाने दाम पर अपनी उपज बेचकर अपना काम कर रहे हैं।ग्राम कुसमी के किसान सुनील साहू का कहना है कि उनकी चार-पांच एकड़ खेती है। आगे की बुवाई करने के लिए उन्होंने क्षेत्र के व्यापारियों को ही पंद्रह सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेच दी है। वैसे भी धान खरीदी केंद्रों में धान बेचने के लिए अनेकों चक्कर लगाने पड़ते हैं।
शासन द्वारा 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जाएगी, जिसमें धान का समर्थन मूल्य 1940 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।क्षेत्र के व्यापारी और बिचौलिए गांव-गांव जाकर धान की खरीदी कर रहे हैं।कुछ व्यापारी और बिचौलिए तो किसानों के रजिस्ट्रेशन सहित धान खरीद रहे हैं। बताया जाता है कि इन व्यापारियों ने खरीदी केंद्रों के संचालकों से लंबी सेटिंग कर रखी है जिससे वह धान का बड़ा व्यापार कर रहे हैं। वर्तमान में व्यापारियों के यहां बेखौफ धान की खरीदी की जा रही है।इन व्यापारियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान बेचने की आशंका बनी हुई है।