नेशनल/इंटरनेशनल

Christmas 2021 : क्रिसमस ट्री के इतिहास से लेकर आधुनिक सांता तक, जानिए क्रिसमस फेस्टिवल से जुड़ीं रोचक बातें

रायपुर। हर साल 25 दिसंबर को ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस मनाया जाता है. इसे मनाने के लिए कई दिनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं. मान्यता है कि 25 दिसंबर को ईसाह मसीह का जन्म हुआ था. ईसाह मसीह को यीशू के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें ईसाई धर्म का संस्थापक माना जाता है. कहा जाता है कि यीशू के जन्म के शुरुआती समय में उनके जन्मदिन को इस तरह पर्व की तरह सेलिब्रेट नहीं किया जाता था, लेकिन चौथी शताब्दी के आते-आते इसे धूमधाम से मनाया जाने लगा.

हर साल इस दिन सुबह से ही लोगों के बीच क्रिसमस की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो जाता है. जगह जगह क्रिसमस ट्री सजाया जाता है, तमाम जगहों पर लाल कपड़े पहने हुए सफेद दाढ़ी वाला सेंटा बच्चों को गिफ्ट्स और खुशियां बांटता नजर आता है. लोग गिरजाघरों में जाकर यीशू के सामने कैंडिल्स जलाते हैं और पवित्र बाइबल पढ़ते हैं. इसके बाद एक दूसरे को इस पर्व की बधाई देते हैं. आज 25 दिसंबर शनिवार को दुनियाभर में क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. इस मौके पर यहां जानिए इस फेस्टिवल से जुड़ी तमाम बातें.

क्रिसमस से जुड़ी खास बातें-

1. क्रिसमस का त्योहार ईसा मसीह के​ जन्मदिन की खुशी में मनाया जाता है. कहा जाता है कि ईसाह मसीह का जन्म बेथलेहम में हुआ था. ईसा के माता पिता नाजरथ के रहने वाले थे जो वर्तमान में फिलिस्तीन क्षेत्र में है. इसलिए ईसा मसीह को नाजरथ का येशु भी कहा जाता है.

2. कहा जाता है कि जब ईसा का जन्म हुआ तो देवता उनके माता-पिता को बधाई देने आए. उन्होंने यीशू के जन्म के मौके पर एक फर के पेड़ को सितारों से सजाया गया था, जिसे बाद में क्रिसमस ट्री कहा जाने लगा. तब से हर साल क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस ट्री को सजाने का चलन शुरू हो गया.

3. क्रिसमस के त्योहार को खास बनाने में संता का भी बहुत बड़ा रोल है. कहा जाता है कि असली संता संत निकोलस थे, जिनका जन्म ईसा मसीह की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद मायरा में हुआ था. बचपन से ही उनकी प्रभु यीशु में बहुत आस्था थी. वे बड़े होकर ईसाई धर्म के पादरी और बाद में बिशप बने.

4. जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्ट्स देना बहुत अच्छा लगता था. लेकिन वे ये गिफ्ट आधी रात में बांटा करते थे, ताकि उनका नाम उजागर न हो. उनकी उदारता को देखकर लोग उन्हें संत निकोलस कहने लगे थे. मृत्यु के बाद वही संत, धीरे धीरे सांता हो गए.

5. आ​धुनिक सांता को लोकप्रिय बनाने का काम किया था अमेरिका के पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट थॉमस नैस्ट ने. 3 जनवरी 1863 को पहली बार उनका बनाया हुआ दाढ़ी वाला सेंटा क्लॉज का कार्टून मैगजीन में छपा था. इसने लोगों को काफी आकर्षित किया. इस सांता का की शक्ल का उपयोग विभिन्न ब्रांड्स के प्रचार के लिए किया जाने लगा. सफेद दाढ़ी वाला ये आधुनिक सांता लगातार 35 वर्षों तक कोकाकोला की एड में नजर आया. जिससे सांता का ये अवतार लोगों के जेहन में बैठ गया और सांता का रूप प्रसिद्ध हो गया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button